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जयपुरः मुंबई के लिए चलने वाली ट्रेनों का सवाई माधोपुर पर नहीं बदलना पड़ेगा इंजन, रेलवे बिछाएगा 7 किलोमीटर की बाईपास लाइन

सवाई माधोपुर की बाईपास लाइन प्रोजेक्ट और हाई स्पीड रेल ट्रायल को लेकर रेलवे प्रशासन फाइनल लोकेशन सर्वे करने जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के पुरा होने के बाद पैसेंजर ट्रेनों को इंजन बदलने की समस्या से निजात मिल जाएगा.

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रेलवे बिछाएगा 7 किलोमीटर की बाईपास लाइन

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Published : Feb 25, 2020, 4:29 AM IST

जयपुर. मुंबई के लिए चलने वाली ट्रेनों को सवाई माधोपुर स्टेशन पर इंजन बदलने की समस्या से निजात मिलने वाला है. पिछले दिनों आए रेल बजट में सवाई माधोपुर की बाईपास लाइन प्रोजेक्ट और हाई स्पीड रेल ट्रायल को सरकार ने मंजूरी दी थी. जिसको लेकर रेलवे प्रशासन इस प्रोजेक्ट को लेकर फाइनल लोकेशन सर्वे करने जा रहा है. बता दें, इस बाईपास रेल लाइन की कुल लंबाई 6 पॉइंट 98 में किलोमीटर होगी. इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 252 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.

रेलवे बिछाएगा 7 किलोमीटर की बाईपास लाइन

इस प्रोजेक्ट में प्रमुख रूप से भटिंडा-भीलड़ी, अजमेर-चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर की बाईपास लाइन तक हाई स्पीड रेल ट्रायल के काम शामिल किए गए हैं. ये लाइन सवाई माधोपुर में कुशलता रेलवे स्टेशनों के बीच बनाई जाएगी. इससे जयपुर या दिल्ली से कोटा जाने की तरफ सभी ट्रेनें सीधे बाईपास से ही निकल जाएंगी, अब इन ट्रेनों को सवाई माधोपुर जाना नहीं पड़ेगा.

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प्रोजेक्ट के पुरा होने पर पैसेंजर ट्रेनों को इंजन बदलने की समस्या से भी निजात मिलेगा. अभी जयपुर से जो भी ट्रेन कोटा या मुंबई की के लिए जाती हैं, उन सभी का सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर इंजन बदला जाता है, जिसमें 30 मिनट लगता हैं. जिस वजह से ट्रेनों को 30 मिनट तक स्टेशन पर ही खड़ा रखना होता है. ऐसे में बाईपास बनने के बाद ट्रेन को वहां से भी निकाला जा सकता है. जिससे एक तरफ जहां रेलवे के मेन पावर की बचत होगी, तो वहीं यात्रियों को सफर में 30 मिनट कम लगेंगे.

फाइनल लोकेशन सर्वे के बाद साफ की तस्वीर

अभी रेलवे इस प्रोजेक्ट को लेकर फाइनल लोकेशन सर्वे करेगा. जिसके बाद इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत का आंकलन कर स्वीकृत के लिए रेलवे बोर्ड भेजा जाएगा. जैसे ही स्वीकृति मिलेगी उसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया को जून तक पूरा कर लिया जाएगा.

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