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SPECIAL : खराब RT-PCR टेस्ट किट बन सकती है संक्रमण फैलने की वजह...राजस्थान में अभी तक खराब टेस्ट किट का कोई मामला नहीं - Sawai Mansingh Hospital Testing Lab Jaipur

कोविड-19 संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. फिलहाल आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए ही संक्रमण का पता लगाया जा रहा है. हालांकि कुछ मामलों में अब एचआर सीटी का सहारा भी लिया जा रहा है. लेकिन प्रदेश में संक्रमित रोगियों की जांच फिलहाल चिकित्सा विभाग की ओर से RT-PCR से ही की जा रही है.

HR CT Test Kit Rajasthan,  RT-PCR Test Kit in Rajasthan
RT-PCR टेस्ट किट खराब तो रिजल्ट पर असर

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Published : May 11, 2021, 7:21 PM IST

Updated : May 11, 2021, 9:55 PM IST

जयपुर. राजस्थान में RT-PCR किट की खरीद राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड करता है. खरीद से पहले इन टेस्ट किट की पूरी तरीके से जांच चिकित्सा विभाग की ओर से की जाती है. घटिया क्वालिटी या फिर नकली RT-PCR टेस्टिंग किट का मामला राजस्थान में कहीं भी देखने को नहीं मिला है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल स्थित टेस्टिंग लैब में स्केट की जांच होती है और उसके बाद ही टेस्टिंग किट उपयोग में लाई जा रही है.

राजस्थान में अब तक खराब टेस्टिंग किट का कोई मामला नहीं

घटिया क्वालिटी वाली किट खतरनाक

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नरोत्तम शर्मा का कहना है कि बीते 1 साल से उनकी टीम लगातार RT-PCR किट से संक्रमित रोगियों की जांच कर रही है. क्वालिटी टेस्टिंग के बाद ही किट को उपयोग में लाया जा रहा है. डॉ शर्मा का यह भी कहना है कि यदि खराब क्वालिटी या फिर नकली टेस्ट किट से मरीजों की जांच की जाए तो सही रिजल्ट देखने को नहीं मिलेंगे. ऐसे में संक्रमित व्यक्ति की रिपोर्ट भी नेगेटिव आएगी और वह व्यक्ति अन्य लोगों में संक्रमण बांट सकता है.

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RT-PCR जांच की दरों में कमी

शुरुआती दौर में जब कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आ रहे थे तो आरटी पीसीआर किट से प्राइवेट लैब में करीब 5000 रुपए में कोविड-19 संक्रमण की जांच की जा रही थी. आरटी पीसीआर किट की कीमतें कम होने लगीं तो सरकार ने जांच की कीमत 350 रुपए तय कर दी. बड़ी संख्या में फार्मा कंपनियां यह किट तैयार कर रही हैं. हालांकि सरकारी क्षेत्र में कोविड-19 संक्रमण की जांच चिकित्सा विभाग की ओर से निशुल्क की जा रही है.

RT-PCR जांच की दरों में कमी

अब HR-सीटी जरूरी

हाल ही में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में कुछ ऐसे मामले देखने को मिले हैं जहां आरटी पीसीआर टेस्टिंग किट संक्रमण को नहीं पकड़ पा रहा. इसके पीछे कुछ चिकित्सकों का मत है कि वायरस में अपना म्यूटेंट बदला है. अब यह वायरस RT-PCR टेस्टिंग किट की पकड़ में नहीं आ रहा. ऐसे में एसिंप्टोमेटिक मरीजों के अलावा सीवियर कैटेगरी वाले मरीजों की एचआर-सीटी भी की जा रही है. RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ऐसे मरीजों में कोरोना की पुष्टि के लिए एचआर-सीटी जांच जरूरी है.

Last Updated : May 11, 2021, 9:55 PM IST

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