जयपुर. प्रदेश में चल रहे बजरी खनन संकट के बीच सरकार एम-सैंड के उपयोग को प्रोत्साहित करने की मंशा रखती है. इसके लिए जल्द ही प्रदेश में एमसेंट को प्रमोशन देने वाली नीति जारी की जाएगी. यही नहीं प्रदेश में चल रहे सरकारी निर्माण कार्यों में भी एम-सैंड (कृत्रिम बजरी) का ही उपयोग हो इसको लेकर भी सरकार के स्तर पर निर्णय कर निर्देश जारी किए जाएंगे. विधानसभा में प्रश्नकाल में विधायक चंद्रकांता मेघवाल के द्वारा लगाए गए सवाल के जवाब में यह जानकारी उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने दी.
मीणा ने बताया कि अभी प्रदेश में बजरी खनन पर रोक केवल नदी और नालों की बजरी पर है जबकि खातेदारी की भूमि से खनन के पट्टे दिए गए हैं. मीणा ने बताया कि प्रदेश में एम सैंड के करीब 47 उद्योग स्थापित है. उद्योग मंत्री ने बताया कि बजरी के विकल्प के रूप में एम सैंड का उपयोग किया जा रहा है और इस प्रकार के उद्योगों को रोशन मिले इसके लिए राज्य में निवेश प्रोत्साहन नीति भी लागू की गई है, जिसमें दो करोड़ से ज्यादा निवेश पर ब्याज का अनुदान है. मीणा ने बताया कि प्रदेश में एम-सेंड का 90.73 लाख मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन हो रहा है.