जयपुर.सवाई मानसिंह अस्पताल (Sawai Mansingh Hospital) में हर दिन हजारों की संख्या में मरीज अपना इलाज करवाने पहुंचते हैं. लेकिन कोविड- 19 संक्रमण के बाद सामान्य मरीजों का इलाज अस्पताल में बंद कर दिया गया. कोविड- 19 संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल को भी अप्रैल के आखिरी सप्ताह में डेडीकेटेड कोविड- 19 हॉस्पिटल घोषित किया गया.
यह भी पढ़ें:CM गहलोत करेंगे कोविड-19 हालातों की समीक्षा, वीकेंड कर्फ्यू भी हो सकता है अहम फैसला
ऐसे में सामान्य ऑपरेशन और ओपीडी को एकाएक बंद कर दिया गया, लेकिन अब कोविड- 19 संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं. बावजूद इसके अभी तक एसएमएस अस्पताल को कोविड फ्री नहीं किया गया है, जिसके चलते सामान्य बीमारी से पीड़ित मरीज अपना इलाज नहीं करवा पा रहे.
SMS अधीक्षक, डॉ. राजेश शर्मा का बयान... इलाज से जुड़ा आंकड़ा
यह भी पढ़ें:बड़ा एलान : कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल करेगी गहलोत सरकार...तत्काल 1 लाख, हर महीने 2500 हजार रुपये देगी
आंकड़ों से पता चलता है कि अस्पताल में हर दिन बड़ी संख्या में ओपीडी में मरीज अपना इलाज कराने पहुंचते थे. वहीं बड़ी संख्या में मेजर और माइनर ऑपरेशन भी मरीजों की किए जाते थे. लेकिन कोविड- 19 का इलाज अस्पताल में शुरू होने के बाद सामान्य मरीजों के लिए अस्पताल बंद कर दिया गया.
164 मरीज भर्ती
सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजेश शर्मा का कहना है कि कोविड- 19 संक्रमण के दौरान अस्पताल में तकरीबन 1,000 बेड संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तैयार किए गए थे. लेकिन अब संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है और अस्पताल में सिर्फ 164 मरीज ही कोविड- 19 संक्रमण के भर्ती हैं. ऐसे में हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द SMS अस्पताल को सामान्य मरीजों के लिए भी शुरू किया जाए. ताकि एक बार फिर से ऑपरेशन और ओपीडी का काम पटरी पर लौट सके.
यह भी पढ़ें:Fuel Price: राजस्थान में पेट्रोल के बाद डीजल भी 100 रुपए के पार, यहां सबसे ज्यादा VAT देते हैं उपभोक्ता
आरयूएचएस हो सकते हैं शिफ्ट
प्रदेश के सबसे बड़े डेडीकेटेड कोविड- 19 आरयूएचएस अस्पताल में भी मरीजों का दबाव कम होने लगा है. सामान्य और ऑक्सीजन बेड पर सिर्फ 20 प्रतिशत मरीज ही भर्ती हैं. ऐसे में यदि सवाई मानसिंह अस्पताल में सामान्य और ऑक्सीजन बेड पर भर्ती मरीजों को आरयूएचएस अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाए तो सामान्य मरीजों के लिए अस्पताल एक बार फिर से शुरू किया जा सकता है.