जयपुर. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखकर एयरपोर्ट पर भले ही प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है, लेकिन संक्रमण को रोकना एक बड़ी चुनौती है. जयपुर एयरपोर्ट पर विदेशों से कई ऐसे यात्री आए हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण पाए गए हैं. अब तक 400 से ज्यादा केस ऐसे सामने आ चुके हैं.
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय जहां एक तरफ अंतरराष्ट्रीय विमानों के संचालन पर रोक लगा रहा है. वहीं, दूसरी ओर विशेष विमान से 8 महीने से विदेशों से लगातार उड़ाने भी संचालित हो रही हैं. बता दें 22 मई को पहली फ्लाइट लंदन से प्रवासी राजस्थानियों को लेकर जयपुर पहुंची थी. उसके बाद से अब तक 400 से ज्यादा विमानों का संचालन एयरपोर्ट पर हो चुका है. इनमें करीब 62 हजार यात्री जयपुर आए हैं. 400 से ज्यादा लोग संक्रमित होने के बावजूद यहां पहुंच चुके थे. इन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर पर जांच कराई, जिनमें उनके संक्रमित होने की पुष्टि भी पाई गई है.
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आए दिन दो से तीन केस भी वंदे भारत मिशन के तहत संचालित हो रही फ्लाइट में पाए जाते हैं. ऐसे में हवाई यात्रा करने को लेकर आम जन के मन में कोविड-19 भय सता रहा है. लोग बस और ट्रेन से ज्यादा विमानों को ही सुरक्षित समझकर यात्रा कर रहे हैं. वहीं, जयपुर एयरपोर्ट से जुड़े कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि विदेश से आने वाले यात्री अमूमन अपने नेगेटिव होने का प्रमाण-पत्र साथ लेकर आते हैं. उन्हें संस्थागत क्वॉरेंटाइन करने की बजाय सीधे होम आइसोलेशन में भेज दिया जाता है. जो लोग रिपोर्ट साथ नहीं लेकर आते हैं. उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा जाता है. जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें घर भेजा जाता है. वहीं, कुछ लोग पकड़े भी गए हैं. अभी बकराना स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में 28 लोग क्वॉरेंटाइन है.
घरेलू यात्रियों पर बढ़ रहा खतरा
बता दें कि इस समय जयपुर एयरपोर्ट से रोजाना 30 से 32 फ्लाइट का संचालन हो रहा है, जिसके अंतर्गत करीब 5 हजार से 8 हजार यात्रियों का आवागमन भी होता है. यात्रियों को अब ज्यादा खतरा भी नजर आ रहा है, क्योंकि एयरपोर्ट पर उनके प्रवेश के दौरान थर्मल स्क्रीनिंग से ही शरीर का तापमान नाप कर केवल खानापूर्ति की जाती है. 400 से ज्यादा संख्या में भी सामने आए हैं. उनकी जांच कराई गई है. अगर ऐसा ना होता तो ये भी संभव नहीं हो पाता. ऐसे में अब घरेलू यात्रियों को भी जयपुर एयरपोर्ट पर खतरा बढ़ रहा है.