जयपुर. प्रदेश में आम आदमी की मौत होने के बाद परिजनों को जमीनों का नामांतरण खुलवाने में खासा (Land Mutation Problem in Rajasthan) परेशानियों का सामना करना पड़ता था. लगभग 45 हजार ऐसे मामले पेंडिंग हैं, जिनके नामांतरण नहीं खुले हैं. इन्हीं शिकायतों को देखते हुए राजस्व विभाग ने नामांतरण प्रक्रिया को सरल किया है. अब आम लोगों को विरासत के आधार पर खुलने वाले नामांतरणों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. राजस्व विभाग ने ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जिसमें किसान की मौत होने पर जैसे ही डेथ सर्टिफिकेट जारी होगा, उसके 30 के भीतर स्वतः ही नामांतरण खुल जाएगा.
स्वतः ही खुलेगा नामांतरण : राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने बुधवार को जयपुर में कहा कि नामांतरण खोलने को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं. आज जनता को परेशानियों और शिकायतों को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डायरेक्शन दिए थे कि ऐसा सिस्टम तैयार किया जाए कि लोगों को सरकारी साफ्टरों के चक्कर नहीं काटने पड़े. इसको लेकर उच्च स्तर पर बैठक की. बैठक में एनआईसी को निर्देश दिए कि वो पंचायती राज विभाग के ऐप से राजस्व विभाग के ऐप को लिंक कर दे, जिससे किसी भी व्यापारी, मजदूर, किसान की मृत्यु होने पर जैसे ही डेथ सर्टिफिकेट जारी होगा. उसके 30 दिन के भीतर स्वतः ही नामांतरण खुल जाएगा.
पटवारी तहसीलदार की नहीं जरूरत : रामपाल जाट ने कहा कि जिस तरह से राजस्व विभाग में हर दिन नित न्य नवाचार किए जा रहे हैं, उससे आने वाले दिनों में पटवारी और तहसीलदार के बिना भी आसानी से आम लोगों के काम होंगे. नामांतरण प्रक्रिया में अब पटवारी या तहसीलदार के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है. जाट ने कहा कि नामांतरण खोलने की प्रक्रिया में लगने वाले समय को भी कम करने का निर्णय लिया गया है. अभी नामांतरण खोलने के लिए 47 दिन का समय निर्धारित था, उसे भी घटाकर 30 दिन करने का निर्णय लिया गया है.