जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान को अब और गति मिलेगी. कच्ची बस्तियों को लेकर लगी कोर्ट की रोक हटने के बाद अब नगरीय विकास विभाग (Urban Development Department), आवासन और स्वायत्त शासन विभाग (Department of Housing and Autonomous Government) ने कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए नए आदेश जारी किए हैं.
ये आदेश सभी नगरीय निकायों मे लागू होंगे. जोधपुर उच्च न्यायालय मुख्य पीठ के आदेशों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 में कच्ची बस्ती के पट्टे जारी करने के सम्बन्ध में नगरीय विकास, आवासन और स्वायत्त शासन विभाग ने तथ्य स्पष्ट किए हैं.
दुर्गा विहार विकास समिति बनाम राज्य सरकार में उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार राज्य सरकार की ओर से कच्ची बस्ती नियमन नीति, 2005 जारी की है. जिसके अनुसार कच्ची बस्ती के नियमन करने की अनुमति उच्च न्यायालय ने प्रदान की है.
सर्वोच्च न्यायालय ने भी विशेष अनुमति याचिका नगर निगम, जयपुर बनाम लेखराज सोनी में पारित निर्णय में कच्ची बस्तियों के लिए एक नीति बनाकर नियमन करने का निर्णय करने की छूट प्रदान की है. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2005 में बनाई गई नीति अनुसार कच्ची बस्तियों का नियमन कर पट्टे दिये जाने हैं.
सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के इन निर्णयों में कच्ची बस्तियों के कब्जों का नियमन करना अनुमत किया गया है. इसक्रम में राज्य सरकार की ओर से सर्वेशुदा / चिह्नित कच्ची बस्तियों के कब्जेधारियों का नियमन कर अब तक लगभग 65 हज़ार परिवारों को पट्टे जारी किये गये है. नियमन के लिए कब्जे की कट ऑफ डेट 15 अगस्त 2009 है. इस नियमन से गरीब परिवारों को रहने का आसरा मिलता है, जो एक जन कल्याणकारी कार्य है.
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इन तथ्यों के आधार पर नगरीय निकायों के लिए गाइडलाइन हुई जारी