जयपुर.राजस्थान में कोरोना का खतरा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन राजनीतिक पार्टियां सुधरने का नाम नहीं ले रहीं हैं. पिछले एक सप्ताह में राजस्थान में कोरोना के आंकड़ों में बेहिसाब (Omicron Cases in Rajasthan) बढ़ोतरी हुई है और जयपुर तो संक्रमण का गढ़ बन गया है. लेकिन तमाम गाइडलाइन और अपील जारी करने के बाद भी जयपुर में राजनीतिक विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला नहीं रुक पाया. भाजपा इस काम में सबसे आगे रही.
दरअसल, मामला चाहे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का हो या नगर निगम में कथित भ्रष्टाचार का, बीजेपी नेता व कार्यकर्ताओं ने हर मामले में सड़कों पर (Rajasthan BJP Protest) निकल कर प्रदर्शन कर धरना देना ही उचित समझा. कहने को इन विरोध-प्रदर्शन के कार्यक्रमों में कोरोना गाइडलाइन की पालना की जाने का दावा किया गया, लेकिन न तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना इस दौरान हुई और न ही सभी प्रदर्शनकारियों के मुंह पर मास्क नजर आए. बड़ा सवाल यह भी है कि जब कोरोना का संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है, तब अपना विरोध जाहिर करने के इन राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के पास कई और भी तरीके हो सकते हैं, जिससे इनकी जान भी खतरे में न आए और आम लोगों का जीवन भी सुरक्षित रहे.
इस तरह लगातार हो रहे विरोध-प्रदर्शन...
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मामले में राजस्थान भाजपा लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रही है. जिस दिन पंजाब में यह घटना हुई, उस दिन सभी नेताओं ने बयान जारी किए और दूसरे दिन भी बयान जारी करने के साथ ही विरोध-प्रदर्शन का एलान कर दिया गया. वहीं, भाजपा युवा मोर्चा ने जयपुर में बड़ी संख्या में एकत्रित होकर मशाल जुलूस निकालकर अपना विरोध जाहिर किया. इसके दूसरे दिन जयपुर में गांधी सर्किल पर जयपुर शहर भाजपा ने धरना दिया, जिसमें 100 से ज्यादा नेता व कार्यकर्ता जुटे.