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जयपुरः चिकित्सा सुविधा, कृषि प्रसंस्करण उद्योग और वेयर हाउसिंग के विकास के लिए दी गई अनेक छूट

राज्य सरकार की ओर से राजस्थान नगरीय क्षेत्र भवन विनियम 2020 के अंतर्गत आवश्यक संशोधन किए गए हैं. निरोगी राजस्थान बनाने के लिए मेडिकल सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रस्तावित भवन निर्माण में वर्तमान अनुज्ञेय बीएआर 2 को बढ़ाते हुए बीएआर 3 किया गया है. साथ ही चिकित्सा सुविधा, कृषि प्रसंस्करण उद्योग और वेयरहाउसिंग के विकास के लिए भी अनेक छूट दी गई.

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Published : Jul 28, 2020, 6:52 PM IST

Rajasthan medical facility,  राजस्थान चिकित्सा सुविधा
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से राजस्थान नगरीय क्षेत्र भवन विनियम 2020 के अंतर्गत आवश्यक संशोधन किए गए हैं. जिसके तहत निरोगी राजस्थान बनाने के लिए चिकित्सा सुविधाओं के विकास, कृषि प्रसंस्करण उद्योग, उद्योग इकाई, वेयरहाउसिंग, गोदाम उपयोग और अन्य संरचनात्मक सुविधाओं के विकास के लिए अनेक छूट प्रदान की गई है.

निरोगी राजस्थान बनाने के लिए मेडिकल सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रस्तावित भवन निर्माण में वर्तमान अनुज्ञेय बीएआर 2 को बढ़ाते हुए बीएआर 3 किया गया है. ऐसे भवनों में पार्किंग प्रावधानों में भी शिथिलता प्रदत्त की गई है. जिससे मेडिकल फैसिलिटी का विस्तार हो सके और आमजन को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ये फैसले लिए गए.

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने की बैठक

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इसके अलावा भविष्य में वेयरहाउस/गोदाम के उपयोग को वाणिज्य के स्थान पर औद्योगिक उपयोग में माना जाएगा. वहीं वेयरहाउस/गोदाम प्रयोजन को सामान्य और कृषि आधारित दो भागों में विभक्त किया गया है. सामान्य वेयरहाउस में औद्योगिक उपयोग अनुसार लीज राशि, भवन मानचित्र अनुमोदन फीस और भू-रूपांतरण शुल्क लिया जाएगा.

जबकि कृषि आधारित वेयरहाउस के लिए राजकीय भूमि का आवंटन आरक्षित दर का 50 फीसदी पर किया जा सकेगा. इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से भूखंडों के उपयोग निर्धारण में आ रही कठिनाइयों के निराकरण का रास्ता भी निकाला गया है.

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साथ ही भू-उपयोग निर्धारण प्रक्रिया का भी सरलीकरण किया गया है. भवन विनियमों में बहुमंजिला भवनों की ऊंचाई की परिभाषा में भी संशोधन किया गया है. जिसके तहत संभागीय स्तर के शहरों और ग्रेटर भिवाड़ी क्षेत्र में बहुमंजिला भवनों को दोबारा परिभाषित किया गया है. वहीं, निकायों को राजस्व अर्जन और स्टिल्ट पर पार्किंग प्रस्तावित करने पर भवन की ऊंचाई से मुक्त किया गया है, जिससे पार्किंग की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो पाएगी.

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