जयपुर. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सभी राजनीतिक दलों को मिलकर किसान हित में काम करना चाहिए. किसानों के मामलों को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए.रामपाल जाट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित भाजपा के प्रदेश नेताओं द्वारा किसानों को उपज के दाम दिलाने के लिए राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग करना निराधार है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की नीति निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा की जाती है.
रामपाल जाट ने बताया कि गेहूं, चना और सरसों की खरीद के लक्ष्य का कुल उत्पादन का 25 फीसदी से कम है. मूल्य समर्थन योजना में तैयार प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) के तहत तिलहन, दलहन, चना और सरसों खरीद के कुल उत्पादन से 25 फीसदी करने की मात्रा की सीमा निर्धारित कर दी गई है. वहीं, गेहूं खरीद का लक्ष्य कुल उत्पादन में 15 फीसदी से कम तय किया गया है. दूसरी ओर वर्ष में अधिकतम 90 दिन खरीद का प्रावधान बनाकर अवरोध पेश किया गया है.
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वहीं, उन्होंने कहा कि जहां तक खरीद केंद्रों की संख्या का प्रश्न है, यह राज्य सरकार के अधीन है. इसमें किसानों को मांग को देखते हुए खरीद केंद्रों की संख्या में 3 गुना बढ़ोतरी की गई है. अभी इनकी संख्या बढ़ाने का काम निरंतर चल रहा है. राजस्थान में 45 हजार 539 ग्रामों के मध्य ये संख्या कम है. 6570 ग्राम सेवा सहकारी समिति पर खरीद केंद्र बनाकर चलते-फिरते वाहनों से ग्राम स्तर पर खरीद की है. इस दिशा में राज्य सरकार ने सही दिशा में कदम बढ़ाया है. उसमें अभी भी और गति बढ़ाने की आवश्यकता है.