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मिराज ग्रुप निदेशक की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने कहा- बड़ी कर चोरी के मामले में जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता

मिराज ग्रुप के निदेशक विनयकांत आमेटा की जमानत याचिका खारिज कर दी गई. जमानत अर्जी खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर द्वितीय की ओर से कहा गया कि आरोपी पर 869 करोड़ रुपए की कर चोरी का आरोप है. ऐसे में आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती है.

Miraj group GST case
Miraj group GST case

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Published : Oct 30, 2021, 5:45 PM IST

जयपुर.अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर द्वितीय ने करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी के मामले में मिराज प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विनयकांत आमेटा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अदालत ने कहा की आरोपी पर बड़ी कर चोरी का आरोप है. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है.

जमानत अर्जी में अधिवक्ता हरीश त्रिपाठी ने बताया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है. विभाग ने जीएसटी की गणना भी गलत की है. विभाग ने फैक्ट्री में उत्पाद के खाली पड़े रैपर के आधार पर जीएसटी की गणना कर 869 करोड़ रुपए की कर चोरी बताई है. जबकि कर की गणना उत्पाद के बिक्री होने के बाद की जानी चाहिए थी. इसके अलावा प्रार्थी कंपनी में वेतनभोगी कर्मचारी हैं. कर चोरी से उसे कोई फायदा नहीं होने वाला था. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

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इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि विभाग ने आरोपी के खिलाफ बड़ी कर चोरी पकड़ी है. इसलिए आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. गौरतलब है की डीजीजीआई ने गत 24 अक्टूबर को आरोपी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद विशेष न्यायालय ने आरोपी को जेल भेज दिया था.

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