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Special : नियमितीकरण तो दूर...पांच बार की बैठक के बाद भी नहीं पता संविदा कर्मियों की संख्या

पिछले डेढ़ साल में पांच बार बैठक की गई, लेकिन संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए बनाई गई कमेटी यह भी पता नहीं कर सकी है कि कुल कितने कर्मचारी संविदा पर कार्यरत हैं. इससे कर्मचारियों में निराशा है. हालांकि, कमेटी के अध्यक्ष मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि 10 से 15 दिन बाद होने वाली बैठक में पूरी रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट को भेज दी जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

In five and a half years, contract workers could not be regular even after five meetings
डेढ़ साल में पांच बैठक के बाद भी संविदा कर्मी नहीं हो सके नियमित

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Published : Sep 2, 2020, 12:17 PM IST

Updated : Sep 2, 2020, 12:58 PM IST

जयपुर. सालों से चुनावी मुद्दा बनते आ रहे संविदा कर्मचारियों को पिछली सरकार की तरह इस सरकार से भी निराशा हाथ लग रही है. विभिन्न विभागों में कार्यरत एक लाख से अधिक संविदाकर्मियों को नियमित करने के वायदे के साथ सत्ता में आई प्रदेश की गहलोत सरकार ने संविदा कमर्चारियों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए मंत्रिमंडल सब कमेटी का गठन किया था. लेकिन कमेटी की पांच बैठकों के बाद अब तक यह आंकड़े भी एकत्रित नहीं हो पाए हैं कि प्रदेश में कितने संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं. ऐसे में इन संविदाकर्मियों को नियमित करने की बात बेमानी सी लग रही है.

डेढ़ साल में बाद भी संविदा कर्मी नहीं हो सके नियमित

प्रदेश के प्रति संवेदनशील होने का दावा करने वाली गहलोत सरकार ने संविदा पर कार्यरत कर्मचारियाें के नियमितीकरण के लिए हामी भरी थी. ऐसे में पिछले एक सप्ताह से सामूहिक अवकाश पर चल रहे शहरी स्वास्थ्य मिशन के यह संविदा कर्मचारी सरकार को चुनाव से पहले किए गए वादों को याद दिला रहे हैं. प्रदेश की गहलोत सरकार को बने डेढ़ साल से अधिक हो गया है.

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गहलोत सरकार ने सत्ता संभालने के साथ प्रदेश के एक लाख से अधिक संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए मंत्री बीडी कल्ला की आध्यक्षता में तीन सदस्य मंत्री मंडल सब कमेटी बनाई थी. कमेटी ने अब तक पांच बार सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की, लेकिन हालात नहीं बदले. कमेटी अभी तक यह भी आंकड़ा नहीं जुटा पाई है कि प्रदेश में कितने विभागों में कितने कमर्चारी संविदा पर लगे हुए हैं.

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हालांकि, कमेटी के अध्यक्ष मंत्री बीडी कल्ला अब यह दावा कर रहे हैं कि अगले 10 से 15 दिन बाद होने वाली बैठक में पूरी रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट के समक्ष पेश कर दी जाएगी. ऐसा नहीं है कि मंत्री बीडी कल्ला की ओर से पहली बार इस तरह से रिपोर्ट की तैयारी का दावा किया गया है. इससे पहले भी कई बार वह यह बातें कह चुके हैं. आज हम आप को बताते हैं कि सरकार के आंकड़ों के अनुसार कितने संविदा कमर्चारी किस-किस विभाग प्रमुख रूप से लगे हैं, जहां पर संख्या ज्यादा हैं.

जानिए कि कितने विभागों में कितने संविदाकर्मा हैं...

विभिन्न विभागों में तैनात संविदा कर्मी


इसके अलावा कुछ विभागों में सिंगल डिजिट में संविदा पर कमर्चारी लगे हुए हैं. यानी सरकार के आंकड़ों के अनुसार विभिन विभागों में कुल 75 हजार के करीब संविदा कमर्चारी लगे हुए हैं. खास बात ये है कि इनमें से 15 हजार संविदा कमर्चारी तो 20 साल से अधिक की नौकरी भी कर चुके हैं. संविदा कर्मियों की मानें तो प्रदेश में एक लाख से अधिक संविदा कर्मचारी अलग-अलग विभागों में काम कर रहे हैं. सरकार ने घोषण पत्र में जो वादा किया था अब उसे पूरा करने में देरी कर रही हैं.

नियमितीकरण की आस में संविदा कर्मचारी...

संविदा कर्मियों को आस है कि सरकार ने कमेटी बनाई है तो उनकी नियमितीकरण का रास्ता भी निकालेगी, लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि प्रदेश की गहलोत सरकार हर वर्ष 75 हजार नौकरी देने के बजट की घोषणा को पूरा करने के लिए भर्तियां निकाल रही है. इसी तरह सभी रिक्त पद नई भर्तियों से भर दिए जाएंगे तो इन संविदा कर्मियों को कैसे और कहां एडजेट्स किया जाएगा. ऐसे में जरूरत है कि मंत्री मंडल सब कमेटी अपनी जिम्मेदारी को समझे और बैठकें करने की बजाए अधिकारियों पर सख्ती कर आंकड़ों का खेल खत्म कर इन संविदा कर्मचारियों को नियमित करे.

Last Updated : Sep 2, 2020, 12:58 PM IST

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