जयपुर. पॉवर-पैक्ड लाइनअप के साथ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन भारतीय उपमहाद्वीप के प्रभाशाली वक्ताओं ने भाग लिया. आईपीआर सलाहकार और ब्रांड प्रचारक के रूप में पहचाने जाने वाले कानूनी विशेषज्ञ सफीर आनंद की पुस्तक 'क्रिसलिस' आज जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल-2022 में लांच की गई. ये पुस्तक 100 अग्रणी ब्रांड्स के बड़े विचारों पर प्रकाश डालती है. इन ब्रांड्स के बीच सामान्य बात यह है कि सभी ने अपने विकास पथ को गति देने के लिए उनकी सलाह ली है. संजॉय रॉय, मनीष मल्होत्रा, ज्योतिका खलानी, मुकेश गोयल ने ये पुस्तक लांच की.
सफीर आनंद की पुस्तक 'क्रिसलिस' में भारत के उन प्रमुख ब्रांड्स का जिक्र किया गया है, जिन्होंने समय के साथ कीर्तिमान स्थापित किए हैं. क्रिसलिस ब्रांडिंग लगातार बदलती दुनिया पर नजर रखता है. वहीं पुरस्कृत नोर्वेजियाई लेखक हान ग्रुए और लेखिका मीता कपूर भी शामिल हुए. उन्होंने दुनिया में 'मैं' बने रहने पर बात की. इसके बाद एक सत्र में लोकप्रिय लेखक पवन के. वर्मा की नई किताब 'द ग्रेट हिन्दू सिविलाइजेशन' पर चर्चा हुई. किताब में प्राचीन सभ्यता के कई पहलुओं को उभारा गया है.
जेएलएफ में इतिहासकार और प्रसिद्ध लेखक मनु एस पिल्लई ने अपनी नई किताब 'फाल्स अलाइस: इंडियास महाराजास इन द ऐज ऑफ़ रवि वर्मा' पर सांसद और कांग्रेस नेता शशि थरूर से (Shashi Tharoor in JLF 2022) चर्चा की. दोनों वक्ताओं ने भारत के महाराजाओं के इतिहास पर लेखिका और इतिहासकार इरा मुखोटी से संवाद किया. सत्र में पिल्लई ने कहा कि उन्होंने ये किताब लिखने की चुनौती इसीलिए ली क्योंकि भारतीय उपमहाद्वीप का 40 प्रतिशत भाग, अंग्रेजों के समय में भी राजाओं के राज्य के अंतर्गत था. चर्चा के दौरान, पिल्लई ने कहा कि उन्होंने महाराजाओं की आपसी मित्रता को भ्रम इसलिए कहा, क्योंकि कई मायनों में वो भी साम्राज्य का समर्थन करते थे. इस किताब के बारे में शशि थरूर ने कहा कि ये बात वास्तव में लिखे-पढ़े जाने लायक है कि भारत के इतिहास में इन राजसी राज्यों की क्या भूमिका थी.