जयपुर. सदन में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने जनजाति क्षेत्रीय विकास और सामाजिक कल्याण योजनाओं की अनुदान मांगों पर बोलते हुए आदिवासी क्षेत्र के लिए अलग से शिक्षकों का कैडर बनाने की मांग की है. साथ ही कटारिया ने इस चर्चा के दौरान आदिवासियों के धर्म को कुछ लेकर विधायकों की ओर से टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए यह भी कहा किसी को तोड़कर समाज नहीं बनता और वोटों के लिए समाज को मत तोड़ो.
कटारिया ने करीब 25 मिनट तक अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान अपना संबोधन दिया. इस दौरान कटारिया ने कहा कि बजट तो बना दिया जाता है, लेकिन उसे पूरा सही तरीके से खर्च करने की जिम्मेदारी भी हमारी है. कटारिया ने सदन में आंकड़े गिनाए और यह भी कहा कि चाहे साल 2020-21 का बजट हो जो घोषित तो हुआ, लेकिन उसका पूरा खर्चा अब तक नहीं हो पाया. इसी में जिस वर्ग और क्षेत्र के लिए बजट का प्रावधान किया गया था, वहां विकास के काम कैसे होंगे. कटारिया ने कहा कि टोटल बजट का 51 फीसद ही खर्च हुआ है, लेकिन जो प्रावधान किए गए हैं. उनको जब तक धरातल पर नहीं उतारा जाएगा, तब तक समस्याओं का निदान नहीं हो पाएगा.
राजस्थान में आजादी के कई साल बाद बना शेड्यूल एरिया, आखिर देरी के लिए जिम्मेदार कौन: कटारिया
अपने संबोधन में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि देश की आजादी के बाद कई राज्यों ने अपने अपने यहां शेड्यूल एरिया बना दिया, लेकिन राजस्थान में यह काम 1981 में हुआ. जबकि आंध्र प्रदेश में जनवरी 1950 में शेड्यूल एरिया बना दिया गया. वहीं महाराष्ट्र गुजरात व अन्य प्रदेशों में भी आजादी के कुछ ही सालों बाद शेड्यूल एरिया बनाने का काम शुरू हो गया, लेकिन राजस्थान में काम देरी से हुआ. आखिर इसका जिम्मेदार कौन है, यह भी देख लेना चाहिए. कटारिया ने कहा कि राजस्थान में अनुसूचित क्षेत्र में 8 जिले 45 तहसीलें 5696 गांव मिलने पर अनुसूचित क्षेत्र बनता है, जहां जनसंख्या 64 लाख 67 हजार है.