जयपुर: ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ जयपुर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 करोड़ 19 लाख रुपए की राशि जब्त की है. आरोपियों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर क्रिकेट सट्टा लगाने की ऑनलाइन साइट के आईडी पासवर्ड एक दूसरे को भेजे जाते और फिर कोडवर्ड में ही सट्टे के लेन-देन की बात भी की जाती.
सट्टे के तार दुबई से जुड़े हुए पाए गए हैं. दुबई से ही ऑनलाइन सट्टे का पूरा कारोबार चलाया जा रहा है और अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उसमें लोगों को जोड़कर आईपीएल मैच पर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जा रहा है.
ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ कमिश्नरेट स्पेशल टीम की बड़ी कार्रवाई करोड़ों रुपयों के साथ 4 आरोपी गिरफ्तार
एसीपी मेघचंद चंद मीणा ने बताया कि कमिश्नरेट स्पेशल टीम के साथ कोतवाली थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई को अंजाम देते हुए किशनपोल बाजार में दबिश देकर 4 आरोपियों को करोड़ों रुपए की राशि के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रणबीर सिंह, कृपाल सिंह, टोडरमल राठौड़ और ईश्वर सिंह को गिरफ्तार किया है.
व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए खेला जा रहा था सट्टा
आरोपियों द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सट्टा खेलने के इच्छुक लोगों को उस में जोड़ा जाता. फिर एक ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से उनकी आईडी व पासवर्ड क्रिएट कर उनसे सट्टा खिलाया जाता. आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर रहें, इसके लिए वह रुपयों के लेन-देन को कोडवर्ड में दर्शाते और दूसरों के नाम से सट्टा लगाते.
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आरोपियों से हुई प्रारंभिक पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड राकेश नाम का व्यक्ति है. जो दुबई में बैठकर देश के कई राज्यों में डायमंड एक्सचेंज वेबसाइट के जरिए आईडी पासवर्ड क्रिएट कर लोगों को ऑनलाइन सट्टा खिलवा रहा है. जो व्यक्ति सट्टे में राशि जीतता उसकी जानकारी व्हाट्सएप ग्रुप में दुबई से भेजी जाती. फिर हवाला के जरिए जीती गई राशि आरोपियों तक पहुंचाई जाती और फिर आरोपी राशि जीतने वाले व्यक्ति को हवाला के जरिए आई हुई जीती गई राशि उपलब्ध करवाते.
पुलिस को शक ना हो, इसलिए मंदिरों के नाम से बनाएं व्हाट्सएप ग्रुप
पुलिस की गिरफ्त में आए चारों आरोपी बड़े शातिर हैं. जिन्होंने ऑनलाइन सट्टा खिलाने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप भी मंदिरों के नाम से बनाएं. आरोपियों से बरामद किए गए 9 मोबाइल फोन में 30 से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप मिले हैं. जो विभिन्न मंदिरों के नाम से बनाए गए हैं. इन व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से ही लोगों को ऑनलाइन सट्टा खिलाने के लिए आईडी और पासवर्ड क्रिएट करके दी जाती.
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इसके साथ ही किस व्यक्ति ने कितनी राशि जीती है. इसे एक कोड वर्ड के जरिए व्हाट्सएप ग्रुप पर ही दुबई से भेजा जाता और फिर हवाला के जरिए राशि विभिन्न राज्यों में अलग-अलग शहरों में पहुंचाई जाती. फिलहाल प्रकरण में गिरफ्त में आए आरोपी से पूछताछ जारी है. पूछताछ में ऑनलाइन सट्टे के नेटवर्क से जुड़े हुए कुछ अन्य लोगों के नाम उजागर होने की भी संभावना है.