जयपुर.कॉस्ट कटिंग कर 31 करोड़ के घाटे को 25 करोड़ करने में कामयाब हुई जयपुर मेट्रो, अब 3 साल का लक्ष्य लेकर नो प्रॉफिट नो लॉस की स्थिति में आने की तैयारी कर रही है. अब तक चार बोगी वाली जयपुर मेट्रो 170 चक्कर लगा रही थी. लेकिन महज 20 से 25 हजार राइडरशिप थी. जिसके चलते मेट्रो घाटे में है.
कोरोना संक्रमण काल में लगाए गए लॉकडाउन के चलते मेट्रो के पहिए थमने के साथ राजस्व पर ही पूरी तरह ब्रेक लग गया. ऐसे में अब स्वायत्त शासन विभाग ने जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को कुछ राहत देने की कोशिश की है. विभाग ने राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए नगर निगम क्षेत्र में जयपुर मेट्रो की संपत्तियों को नगरीय विकास कर के भुगतान से वर्ष 2010-11 से छूट प्रदान की है.