जयपुर. 'सबसे बड़े लिटरेरी शो' और 'साहित्य का महाकुंभ' कहे जाने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2021 का आगाज शुक्रवार को नए वर्चुअल प्लेटफार्म पर होगा. जिसे आइकोनिक डिग्गी पैलेस होटल की तर्ज पर तैयार किया गया है, जो श्रोताओं को फेस्टिवल में मौजूद होने का आभास कराएगा. 'शब्दों के जश्न' के तहत फेस्टिवल विविध क्षेत्रों की आवाज़ों को सामने लाएगा. जो निडरता, रोमांच, जोश और भावनाओं की कहानी बयां करेंगे. शानदार वक्ताओं और बेमिसाल सत्रों के साथ इस फेस्टिवल में इस साल 300 लेखक व कलाकार शिरकत करेंगे, जो लगभग 25 भारतीय और 18 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं के साथ 23 से ज्यादा देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे.
इनमें नोबेल पुरस्कार, मैन बुकर, पुलित्जर, साहित्य अकादेमी, डीएससी प्राइज और जेसीबी पुरस्कार विजेता भी शामिल हैं. इस साल फेस्टिवल में हिंदी, उर्दू, मलयालम, असमी, संस्कृत, ब्रज, बंगाली, तमिल, तेलुगु, ओड़िया, भोजपुरी, खासी, कश्मीरी, राजस्थानी, पंजाबी, संथाली, बोडो, मणिपुरी, सिन्धी, नेपाली, मराठी, कोंकणी, गुजराती, डोगरी और कन्नड़ बोलने वाले वक्ता शामिल होंगे. फेस्टिवल में बड़ी संख्या में विदेशी भाषाओं के वक्ता भी अपनी बात रखेंगे.
फेस्टिवल के 14वें संस्करण का आगाज शुक्रवार, 19 फरवरी को साइंस म्यूजियम ग्रुप के डायरेक्टर व चीफ एग्जीक्यूटिव इआन ब्लेचफोर्ड और साइंस म्यूजियम लंदन के हेड ऑफ कलेक्शन व प्रिंसिपल क्यूरेटर डॉ. टिली ब्लीथ की ओर से द आर्ट ऑफ इनोवेशन विषय पर उद्घाटन संभाषण से होगा. इस साल फेस्टिवल के वक्ताओं में माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और बिजनेस मैगनेट बिल गेट्स, अमेरिकी अर्थशास्त्री, जन नीति निरीक्षक और नोबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ स्टिगलिट्स, महिला शिक्षा की पाकिस्तानी कार्यकर्ता और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफ़ज़ई, मैन बुकर जीतने वाले लेखक डगलस स्टुअर्ट और पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता पत्रकार जेफरी गेटलमैन शामिल हैं.
नेशनल फिल्म अवार्ड विजेता अदाकारा प्रियंका चोपड़ा, जोनास लेखिका और स्तंभकार शोभा डे के साथ चर्चा में यूएस में बिताई किशोरावस्था, भारत आकर नेशनल और इंटरनेशनल खिताब (मिस इंडिया और मिस वर्ल्ड) जीतने और फिल्मों के सफर पर प्रकाश डालेंगी. भारतीय संगीत के परस्पर संबंधित स्कूलों पर एक गहन सत्र होगा. जिसमें शास्त्रीय और लोक संगीत के साथ-साथ हमारे डिजिटल युग में लोकप्रिय शैलियों के मेल पर चर्चा होगी. जाने-माने कवि, लेखक, गीतकार, केन्द्रीय फिल्म बोर्ड के चेयरमैन, कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट प्रसून जोशी और स्कोलर, गायिका, संगीतकार, लेखिका और सामाजिक कार्यकर्त्ता विद्या शाह संगीत परम्परा की समझ, उनके विकास और विस्तार पर चर्चा करेंगे. वे सांस्कृतिक विविधता के साथ-साथ इस विशाल विरासत की आंतरिक एकता और इसके नए खतरों पर भी प्रकाश डालेंगे.