जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने गुरुवार को राज्य में अनाधिकृत व्यक्तियों के आवागमन को रोकने के संबंध में जिला कलेक्टरों एवं अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली. मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अनाधिकृत व्यक्तियों के आवागमन को रोकने के लिए अंतर्राज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया है. अब बिना ई-पास के कोई व्यक्ति अंतर्राज्यीय आवागमन नहीं कर सकेगा, सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी तथा मृत्यु के मामलों में जिला कलेक्टर ई-पास जारी कर सकेंगे.
मुख्यसचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि राज्य से बाहर की यात्रा के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप पात्रता पूरी करने वाले व्यक्ति को जिला कलेक्टर की अनुशंसा पर गृह विभाग के स्तर पर अनुमति जारी की जाएगी. इसके अलावा राज्य सरकार की ई-एनओसी के उपरान्त ही दूसरे राज्य से राजस्थान आने वालों के लिए परमिट जारी किया जा सकेगा.
मुख्य सचिव ने कहा कि चूंकि लॉकडाउन लागू होने के कारण प्रदेश में फंसे ऐसे श्रमिक जो शिविरों में रह रहे थे, उन्हें उनके गृह राज्यों में भेजा जा चुका है, इसलिए प्रदेश में ट्रांजिट शिविरों को बंद करने का निर्णय लिया गया है. केन्द्र की गाइडलाइन के अनुरूप जो श्रमिक अन्य राज्यों से आए हैं, उन्हें आवश्यक रूप से 14 दिन क्वॉरेंटाइन में रहना होगा. जिला कलेक्टर सुनिश्चित करें कि इन निर्देशों की हर हाल में पालना हो. बॉर्डर पर प्रवासी श्रमिकों के आगमन के साथ ही उनके मेडिकल चैकअप तथा उसकी सूचना संबंधित जिले को दें, ताकि सभी प्रवासी श्रमिकों का क्वॉरेंटाइन सुनिश्चित किया जा सके.
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के कारण देश में कोरोना पॉजीटिव रोगियों की सर्वाधिक रिकवरी दर राजस्थान में है. उन्होंने कहा कि राज्य की सीमाओं को सील करने के निर्णय से कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने निर्देश दिए कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को संस्थागत या होम क्वॉरेंटाइन करना सुनिश्चित करें, अन्यथा 47 दिन की मेहनत पर पानी फिर जाएगा.