जयपुर.जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक एके गुप्ता ने मंगलवार 28 जुलाई को राजमीट वीसी प्लेटफार्म के माध्यम से जयपुर डिस्काॅम में चल रहे विभिन्न कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा की. राजमीट वीसी प्लेटफार्म के द्वारा आयोजित वर्चुवल वीडियो कॉन्फ्रेंस में जयपुर डिस्काॅम के निदेशक वित्त, अति. पुलिस अधीक्षक (सतर्कता), संभागीय मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता, मुख्य लेखाधिकारी, अधिशाषी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता, कनिष्ठ अभियन्ता और फीडर इंचार्ज सहित लगभग 5944 अधिकारी-कर्मचारी लाईव स्ट्रीम पर और 43 इन्टरएक्टिव रहे.
गुप्ता ने वर्चुवल मीटिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए कहा कि, खराब मीटरों की वजह से उपभोक्ताओं को औसत उपभोग के आधार जारी किए जाने वाले बिलों के विवाद को समाप्त करने और वास्तविक रीडिंग का बिल जारी करने के लिए खराब मीटरों को बदलने पर मीटिंग में चर्चा की गई. वर्तमान में घरेलू श्रेणी में 1 लाख 25 हजार 722 मीटर खराब चल रहे हैं. इनमें से भी 74 हजार मीटर 6 माह से अधिक अवधि से खराब हैं. इन सभी खराब मीटरों को 31 अगस्त तक बदलने के निर्देश दिए गए है. इसी प्रकार से औधोगिक कनेक्शनों के भी 2777 मीटर खराब हैं उन्हें भी 31 अगस्त तक बदलना है और यह कार्य विभागीय कर्मचारियों द्वारा ही किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, डिस्काॅम में 211 सब-डिवीजन है और प्रत्येक सब-डिवीजन में एक मीटर सेक्सन खोला जाएग. जिसमें 2-3 तकनीकी कर्मचारी को लगाया जाएगा. इस सेक्शन में मीटर बदलने और नया मीटर लगाने तथा मीटर हटाने का पूरा रिकार्ड सब-डिवीजन स्तर पर रखा जाएगा.
मीटिंग के दौरान यह बताया गया कि, लगभग 30 हजार उपभोक्ता ऐसे है जिनके डिफेक्टिव मीटर की वजह से 50 यूनिट से भी कम की औसत बिलिंग हो रही है. ऐसे मीटरों को तुरन्त बदलने के निर्देश दिए गए. साथ ही यह भी तय किया गया कि प्रति उपभोक्ता औसत उपभोग की मानिटरिंग सभी स्तर पर की जाए. सभी क्षेत्रों में समान रुप से विद्युत आपूर्ति हो रही है और उपभोग का पैटर्न एक होते हुए भी प्रतिमाह उपभोग में बहुत अन्तर होता है. इसके लिए कम उपभोग वाले उपभोक्ताओं को निगरानी में रखते हुए कारण पता करने के भी निर्देश दिए गए है.
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उन्होंने बताया कि, वर्तमान में जयपुर डिस्काॅम में विद्युत सम्बन्धी शिकायतों के निवारण हेतु केन्द्रीकृृत काॅल सेन्टर कार्य कर रहा है, जिसके नम्बर 18001806507 है. उपभोक्ताओं द्वारा इस पर शिकायत दर्ज कराने के बाद शिकायत निवारण के लिए एफआरटी को मैसेज दिया जाता है, जो जाकर शिकायत का निवारण करती है. परन्तु ग्रामीण क्षेत्रों से शिकायतें आई है, कि एफआरटी आती नहीं है और इसके लिए निगम के कर्मचारियों से निवेदन करना पड़ता है. इसको दुरुस्त करने के लिए तीन सहायक/कनिष्ठ अभियन्ताओं को काॅल सेन्टर पर नियुक्त किया गया है, जो शिकायतों की मानिटरिंग करगें और निस्तारण का सत्यापन भी करेगें.