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जयपुर: 6 माह से अधिक अवधि के खराब मीटरों को 31 अगस्त तक बदलने के निर्देश

जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक ने वीसी कर विभिन्न कार्यों और योजनाओं की समीक्षा की. इस वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रबन्ध निदेशक ने क्षेत्र में खराब विद्युत मीटरों को बदलने के निर्देश दिए. साथ ही विजिलेंस चेकिंग में गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखने की भी बात की.

डिस्कॉम प्रबन्ध निदेशक, जयपुर न्यूज, Jaipur Discom Management Director A. K. Gupta
खराब मीटरों को बदलने के निर्देश

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Published : Jul 29, 2020, 2:49 AM IST

जयपुर.जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक एके गुप्ता ने मंगलवार 28 जुलाई को राजमीट वीसी प्लेटफार्म के माध्यम से जयपुर डिस्काॅम में चल रहे विभिन्न कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा की. राजमीट वीसी प्लेटफार्म के द्वारा आयोजित वर्चुवल वीडियो कॉन्फ्रेंस में जयपुर डिस्काॅम के निदेशक वित्त, अति. पुलिस अधीक्षक (सतर्कता), संभागीय मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता, मुख्य लेखाधिकारी, अधिशाषी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता, कनिष्ठ अभियन्ता और फीडर इंचार्ज सहित लगभग 5944 अधिकारी-कर्मचारी लाईव स्ट्रीम पर और 43 इन्टरएक्टिव रहे.

गुप्ता ने वर्चुवल मीटिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए कहा कि, खराब मीटरों की वजह से उपभोक्ताओं को औसत उपभोग के आधार जारी किए जाने वाले बिलों के विवाद को समाप्त करने और वास्तविक रीडिंग का बिल जारी करने के लिए खराब मीटरों को बदलने पर मीटिंग में चर्चा की गई. वर्तमान में घरेलू श्रेणी में 1 लाख 25 हजार 722 मीटर खराब चल रहे हैं. इनमें से भी 74 हजार मीटर 6 माह से अधिक अवधि से खराब हैं. इन सभी खराब मीटरों को 31 अगस्त तक बदलने के निर्देश दिए गए है. इसी प्रकार से औधोगिक कनेक्शनों के भी 2777 मीटर खराब हैं उन्हें भी 31 अगस्त तक बदलना है और यह कार्य विभागीय कर्मचारियों द्वारा ही किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, डिस्काॅम में 211 सब-डिवीजन है और प्रत्येक सब-डिवीजन में एक मीटर सेक्सन खोला जाएग. जिसमें 2-3 तकनीकी कर्मचारी को लगाया जाएगा. इस सेक्शन में मीटर बदलने और नया मीटर लगाने तथा मीटर हटाने का पूरा रिकार्ड सब-डिवीजन स्तर पर रखा जाएगा.

मीटिंग के दौरान यह बताया गया कि, लगभग 30 हजार उपभोक्ता ऐसे है जिनके डिफेक्टिव मीटर की वजह से 50 यूनिट से भी कम की औसत बिलिंग हो रही है. ऐसे मीटरों को तुरन्त बदलने के निर्देश दिए गए. साथ ही यह भी तय किया गया कि प्रति उपभोक्ता औसत उपभोग की मानिटरिंग सभी स्तर पर की जाए. सभी क्षेत्रों में समान रुप से विद्युत आपूर्ति हो रही है और उपभोग का पैटर्न एक होते हुए भी प्रतिमाह उपभोग में बहुत अन्तर होता है. इसके लिए कम उपभोग वाले उपभोक्ताओं को निगरानी में रखते हुए कारण पता करने के भी निर्देश दिए गए है.

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उन्होंने बताया कि, वर्तमान में जयपुर डिस्काॅम में विद्युत सम्बन्धी शिकायतों के निवारण हेतु केन्द्रीकृृत काॅल सेन्टर कार्य कर रहा है, जिसके नम्बर 18001806507 है. उपभोक्ताओं द्वारा इस पर शिकायत दर्ज कराने के बाद शिकायत निवारण के लिए एफआरटी को मैसेज दिया जाता है, जो जाकर शिकायत का निवारण करती है. परन्तु ग्रामीण क्षेत्रों से शिकायतें आई है, कि एफआरटी आती नहीं है और इसके लिए निगम के कर्मचारियों से निवेदन करना पड़ता है. इसको दुरुस्त करने के लिए तीन सहायक/कनिष्ठ अभियन्ताओं को काॅल सेन्टर पर नियुक्त किया गया है, जो शिकायतों की मानिटरिंग करगें और निस्तारण का सत्यापन भी करेगें.

विजिलेन्स चैकिंग के सम्बन्ध में चर्चा अनुसार निर्णय लिया गया कि, विजिलेन्स चैकिंग में गुणवत्ता और पारदर्शिता बनाए रखने के सभी प्रयत्न किए जाएं, बड़े उपभोक्ताओं के प्रतिष्ठान की पदस्थापित मीटर की लोड सर्वे रिपोर्ट की समीक्षा प्रतिमाह की जाकर संदेहास्पद उपभोक्ताओं की विजिलेन्स चैकिंग पर जोर दिया गया. तकरीबन सभी क्षेत्रिय अभियन्ताओं द्वारा बताया गया कि, चैकिंग से पूर्व क्षेत्र में समझाईश भी की जा रही है और जिनके कनेक्शन नहीं है, तो वे कनेक्शन ले ले और मीटर से छेड़छाड़ नही कर ईमानदारी से उपभोग की गई विद्युत राशि के बिल जमा कराते रहे

इसके साथ ही प्रतिदिन की जाने वाली विजिलेन्स चैकिंग की प्रगति रिपोर्ट के लिए एक मोबाईल एप बनाया गया है, जिसमें प्रत्येक विजिलेन्स चैकिंग अधिकारी द्वारा प्रगति दर्ज करने के निर्देश दिए गए है. जिससे प्रत्येक चैकिंग अधिकारी द्वारा किए गए कार्य की समीक्षा मुख्यालय स्तर पर भी की जा सके. जयपुर डिस्काॅम में चालू वित्तीय वर्ष में अब तक की गई विजिलेन्स चैकिंग में 39954 प्रकरण विद्युत चोरी के पकड़े गए है जिसमें 94 करोड़ 16 लाख रुपए की राशि का निर्धारण किया गया है और 5902 एफआईआर दर्ज हुई है.

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गुप्ता ने मीटिंग में घरेलू श्रेणी के लम्बित आवेदनों को अविलम्ब निस्तारित कर कनेक्शन दिए जाने के निर्देश भी दिए. इसके अतिरिक्त जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन स्थाई रुप से कटे हुए है. उनकी चैकिंग कर वसूली के निर्देश दिए गए. यदि उपभोक्ता द्वारा विद्युत का दुरुपयोग करता हुआ पाया जाए तो नियमानुसार विजिलन्स अधिकारियों द्वारा कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए.

वर्तमान में जयपुर डिस्काॅम में 11केवी के 6904 ग्रामीण फीडर है,जिसमें प्रत्येक फीडर का प्रभारी एक तकनीकी कर्मचारी है परन्तु कई प्रकार के कार्य उसकी डयूटी में शामिल है. इसके कारण अधिक उपभोक्ताओं वाले फीडर के कार्यपालन में फीडर इंचार्ज को कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इसके लिए यह निर्णय लिया गया कि, आवश्यकता अनुसार ऐसे बड़े फीडर्स को अतिरिक्त कर्मचारी फीडर के आपरेशन एवं मैन्टिनेन्स के लिए नियुक्त किया जाए.

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