राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

कोरोना संकट की इस घड़ी में राजनीति से परे होकर एकजुटता की मिसाल पेश करें: CM गहलोत

कोरोना के बिगड़ते हालात पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की. इस चर्चा में सीएम अशोक गहलोत ने भी अपना विचार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में राजनीति से परे होकर एकजुटता की मिसाल पेश करें.

Ashok Gehlot latest news, Video Conferencing with Chief Ministers
पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ की चर्चा

By

Published : Apr 23, 2021, 6:01 PM IST

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के कोरोना हालातों को लेकर शुक्रवार को सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए संवाद किया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. सभी प्रयासों के बावजूद राज्यों से संसाधनों की कमी की शिकायतें आ रही हैं. संकट की इस घड़ी में राजनीति से परे होकर पूरा देश एकजुटता की मिसाल पेश करें.

पढ़ें-कोरोना काल में सेना बनी संजीवनी, महज 5 घंटों में 100 बेड का कोविड केयर सेंटर किया तैयार

सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड के बेहतर प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार जीवन रक्षा को सर्वोपरि रखते हुए ऑक्सीजन, दवाओं और अन्य संसाधनों की योजनाबद्ध एवं न्यायसंगत आपूर्ति सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि कोविड की वर्तमान परिस्थितियों में कई हृदयविदारक दृश्य देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में आमजन का आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है. ऐसे प्रयास किए जाएं कि ऑक्सीजन और दवाओं की कमी से किसी व्यक्ति की जान ना जाए.

एक्टिव केस के आधार पर हो ऑक्सीजन और रेमडेसिविर दवा का आवंटन

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राज्यों को एक्टिव केसेज के आधार पर ऑक्सीजन और रेमडेसिविर दवा का आवंटन किया जाना चाहिए. राजस्थान को 21 अप्रैल 2021 को तात्कालिक आवंटन में मात्र 26,500 रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किए गए, जबकि गुजरात और मध्यप्रदेश को राजस्थान से कम एक्टिव केसेज होने के बावजूद क्रमशः 1,63,000 और 92,200 रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किए गए हैं. इसी प्रकार ऑक्सीजन के आवंटन में भी एक्टिव केसेज के अनुपात का ध्यान नहीं रखा गया.

टेस्ट किट की भी कमी

उन्होंने कहा कि भविष्य में इनकी आपूर्ति तर्कसंगत तरीके से हो ताकि किसी भी राज्य को कोविड रोगियों के उपचार को लेकर परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. कोविड रोगियों के उपचार के दौरान की जाने वाली सहायक जांचें जैसे आईएल-6, डी-डाइमर, फेरिटिन टेस्ट आदि की किट की भी धीरे-धीरे कमी होने लगी है. केंद्र सरकार इन किट्स की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में भी योजना बनाए, ताकि समय रहते राज्यों को इनकी सुचारू आपूर्ति हो सके.

वैज्ञानिकों ने पेश की मिसाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत कम समय में कोरोना की वैक्सीन तैयार कर मिसाल पेश की है और हमें उन पर गर्व है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 18 वर्ष से अधिक के लोगों का भी केंद्र सरकार निःशुल्क टीकाकरण करवाएं. केंद्र सरकार को 60 वर्ष, 45 वर्ष और अब 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए एक ही नीति अपनानी चाहिए. राज्यों में सभी आयु वर्ग के लोगों को एक ही मेडिकल स्टाफ वैक्सीन लगाएगा. यह उचित नहीं होगा कि युवाओं से पैसे लिए जाएं और बाकी को निःशुल्क वैक्सीन लगाई जाए.

पढ़ें-Active केस में राजस्थान 6 नंबर पर लेकिन ऑक्सीजन और रेमडेसिविर का आवंटन गुजरात, UP-MP सहित कई राज्यों से कम

एक ही देश में वैक्सीन की अलग-अलग दरें उचित नहीं

गहलोत ने कहा कि भारत सरकार ने मुफ्त वैक्सीन के लिए बजट में 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया है, इसे देखते हुए राज्यों ने बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं रखा है. अब अगर राज्यों को वैक्सीन का वित्तीय भार वहन करना पड़ता है तो उन्हें सामाजिक सुरक्षा और विकास कार्यों के लिए निर्धारित बजट में कटौती करनी पडे़गी. उन्होंने कहा कि एक ही देश में वैक्सीन की अलग-अलग दरें भी उचित नहीं हैं. केंद्र सरकार को इस पर विचार कर निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध करवानी चाहिए.

प्रदेश में लागू किया गया जन अनुशासन पखवाड़ा

सीएम गहलोत ने राज्य में कोविड संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराते हुए बताया कि लॉकडाउन को आखिरी हथियार मानते हुए प्रदेश में नवाचार के रूप में जन अनुशासन पखवाड़ा लागू किया गया है. इसके तहत सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों को सीमित करने और लोगों को कोविड प्रोटोकॉल एवं लॉकडाउन जैसे व्यवहार की पालना के लिए निरंतर प्रेरित किया जा रहा है.

कोविड रोगियों को दी जा रही ये सुविधा

उन्होंने बताया कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की छीजत को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं. इससे करीब 10 फीसदी छीजत कम करने में मदद मिली है. अस्पतालों पर दबाव कम करने के लिए कोविड रोगियों को होम केयर और डे-केयर सुविधा दी जा रही है. प्रदेश भर में संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं. दवाओं के प्रोटोकॉल और उचित उपयोग के लिए एक कमेटी भी गठित कर दी गई है. वीसी के माध्यम से डॉक्टर्स को दवाओं के उपयोग के संबंध में ट्रेनिंग दी जा रही है. सेवानिवृत्त कार्मिकों की अर्जेंट टेम्परेरी बेसिस पर सेवाएं ली जा रही हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details