जयपुर: राजस्थान में अब तक गहलोत कैबिनेट में केवल एक मंत्री ममता भूपेश (Mamta Bhupesh) थीं. जिसे लेकर सवाल भी खड़े होते थे. चूंकि कांग्रेस (Congress) उत्तर प्रदेश में महिलाओं को 40% टिकट (40% Ticket To Women) देने की बात कर रही थी, तो राजस्थान (Rajasthan) में भी महिलाओं के मंत्रिमंडल (Gehlot Cabinet) में प्रतिनिधित्व की चर्चा हो रही थी. इन चर्चाओं के बीच ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने 3 महिलाओं को अपनी कैबिनेट (Rajasthan Cabinet) में जगह दे दी. जिनमें से दो मंत्री कैबिनेट स्तर की होंगी.
शकुंतला रावत (Shakuntala Rawat) को भी गहलोत मंत्रिमंडल (Gehlot Cabinet) में जगह मिली है. शकुंतला ने इस अवसर के लिए पार्टी की आभार जताया है. उन्होंने कहा है कि वो पार्टी की रीति नीति पर चलने का प्रयास करती रहेंगी और जनता की सेवा को अपना धर्म मानेंगी.
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शकुंतला रावत ने अपनी पार्टी को महिला अधिकारों को लेकर सजग करार दिया. कहा कि कांग्रेस पार्टी (Congress) ने जितना महिलाओं को सम्मान दिया है उतना देश में किसी को नहीं दिया. कांग्रेस पार्टी कि जब केंद्र में सरकार थी तो महिला आरक्षण (Women Reservation) की बात हुई. कांग्रेस पार्टी ने इसे कर दिखाया. पंचायती राज चुनाव (Panchayat Election) में अगर कांग्रेस पार्टी महिलाओं को आरक्षण न देती तो आज महिलाएं जिस स्थिति में है उसी स्थिति में नहीं होती.
जिम्मेदारियों को पूरा करने का संकल्प दोहराते हुए शकुंतला रावत (Shakuntala Rawat) ने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी उसे वह उसी तरीके से निभायेंगी जैसी वह संगठन में अब तक अपनी भूमिकाओं को निभाती आई हैं. आपको बता दें कि शकुंतला रावत (Shakuntala Rawat) और 21 विधायकों में शामिल रही हैं जो 2013 में मोदी लहर (Modi Wave) के समय जीत कर आई थी.
बानसूर से शकुंतला रावत पांचवी मंत्री बनीं, इससे पहले चार विधायक रह चुके हैं कैबिनेट मंत्री
गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में बानसूर के विधायक शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. शकुंतला रावत बानसूर से विधायक बनने के बाद मंत्री पद तक पहुंचने वाली पांचवी मंत्री हैं. इससे पहले चार विधायक मंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं. शकुंतला रावत के मंत्री बनने के बाद क्षेत्र के लोग विकास की उम्मीद लगा रहे हैं.
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बानसूर विधानसभा सीट की विधायकों को मंत्री पद तक पहुंचाने में अहम भूमिका रही है. पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया की सरकार में साल 1952 से 1977 तक बद्री प्रसाद गुप्ता कैबिनेट मंत्री रहे थे. वह बानसूर से चुनाव जीत कर मंत्री पद की कुर्सी तक पहुंचे. उन्होंने चार बार मंत्री पद संभाला. वहीं दूसरी ओर जनता पार्टी से हरि सिंह यादव 1977 से 1980 तक कैबिनेट मंत्री रहे. हरि सिंह यादव भी बानसूर क्षेत्र से चुनाव लड़ते थे और चुनाव जीतने के बाद उनको यह जिम्मेदारी मिली. उनके बाद जगत सिंह दायमा 1990 से 1992 में कैबिनेट मंत्री सीएण भैरो सिंह शेखावत के समय रहे. मंत्री वही 1993 में डॉ. रोहिताश शर्मा 1998 तक मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत की सरकार में यातायात कैबिनेट मंत्री रहे.
बानसूर से दो बार चुनाव जीती शकुंतला रावत को गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में जातिगत आधार पर मंत्री पद की कुर्सी मिली है. शकुंतला रावत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद मिला है. उनको गुर्जर नेता के रूप में यह मंत्री पद दिया गया है. गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में मिशन 2023 के हिसाब से मंत्री पद दिया गया है. इसमें जातीय समीकरण को प्रमुखता दी गई है. सचिन पायलट गुर्जर समाज के नेता माने जाते रहे हैं. सचिन पायलट मंत्रिमंडल में विस्तार और अपने मंत्रियों को शामिल करने की लगातार मांग कर रहे थे. ऐसे में शकुंतला रावत को गुर्जर नेता के रूप में मंत्री पद की जिम्मेदारी मिली है.