जयपुर.राजधानी में जर्मन की क्लासेज चलाने वाले देवकरण सैनी के मुताबिक बच्चों की क्लासेज के प्रति शिद्दत को देखते हुए उन्हें ये विचार आया और बीते दो दिन से इस पर अमल भी किया गया है. हालांकि ऑनलाइन क्लासेज में क्लास रूम वाला फील नहीं है, पर इसके बावजूद सिलेबस और कोर्स को निपटाने का ये आसान और बेहतर जरिया बन चुका है.
ऑनलाइन क्लास को लेकर बच्चों से भी अनुभव जाना तो उन्होंने कहा कि देश के लिये कुछ दिन घर में बैठकर राष्ट्र के प्रति अपना समर्पण जाहिर करने का लॉक डाउन अच्छा मौका है. दूसरी ओर क्लासेज और किताब के बीच वक्त काटने की चिंता भी अब काफूर हो चुकी है. इन बच्चों ने भी ईटीवी भारत पर लोगों से लॉक डाउन का उल्लंघन न करने की अपील की है.
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इनका कहना है कि समय का बेहतर उपयोग करने के लिये तकनीक के दौर में ज्यादा विचार करने की जरूरत नहीं है. क्योकिं विकल्प बहुत है और इनसे चुनौतियों से पार पाई जा सकती है. इसलिए कोर्स का कोर्स और घर पर सेल्फ स्टडी के लिये वक्त मिलना दोनों ही काम उनके हक में है.