जयपुर.चिट्ठी में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा विधि व्यवस्था से जुड़े कानूनों का पुनरीक्षण कर उनमें आवश्यकता अनुसार संशोधन किया जाता रहा है. 2018 में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के माध्यम से महिलाओं के विरुद्ध अपराध के लिए बने कानून को और अधिक कठोर बनाया गया था. वर्तमान में 2019 में भी विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1967 एवं राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 की आवश्यकता अनुसार संशोधन किए गए हैं.
चिट्ठी में बताया गया है कि आजादी के 70 साल बाद वर्तमान परिवेश में नए भारत की परिकल्पना की दृष्टिकोण रखते हुए विधि एवं कानून को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, शस्त्र अधिनियम, नारकोटिक्स अधिनियम इत्यादि के पुनरीक्षण करके आवश्यकतानुसार परिवर्तन किए जा रहे हैं. क्योंकि पुलिस और लोकल व्यवस्था संविधान की 7वीं सूची में राज्य संबंधी विषय हैं. संभावित परिवर्तनों के संबंध में सभी राज्य सरकारों से सुझाव अपेक्षित किए गए. सुझाव देते समय यह ध्यान रखना उचित होगा कि पुनरीक्षित कानून जनता की लोकतांत्रिक अपेक्षाओं के अनुरूप और महिलाओं, बच्चों, समाज के कमजोर वर्ग इत्यादि को त्वरित न्याय दिलाने में सक्षम हो.