राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

राजस्थान में पहली बार दरियाई घोड़े का जोड़ा देगा खुशखबरी, वन्यजीव चिकित्सक रख रहे विशेष ध्यान

प्रदेश में पहली बार दरियाई घोड़े का जोड़ा एक बड़ी खुशखबरी देगा. जल्द राजधानी जयपुर में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़े के बच्चे होने वाले हैं. अक्टूबर माह में ही दरियाई घोड़े की मेंटिंग हो चुकी है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में दरियाई घोड़े का जोड़ा जल्द देगा खुशखबरी

By

Published : Jan 30, 2020, 8:46 PM IST

जयपुर. राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़े के बच्चे होने वाले हैं. राजस्थान में यह खुशखबरी पहली बार ही सुनने को मिलेगी, क्योंकि इससे पहले कभी दरियाई घोड़े का प्रजनन राजस्थान में नहीं हुआ.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में दरियाई घोड़े का जोड़ा जल्द देगा खुशखबरी

बता दें कि अगस्त 2019 में दरियाई घोड़े का जोड़ा दिल्ली से जयपुर लाया गया था. प्रदेश में पहली बार ही दरियाई घोड़ा लाया गया है. जो कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल के पार्क में बने एग्जॉटिक पार्क की शान बना हुआ है और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

एक्सचेंज प्रोग्राम ेक तहत लाया गया था जयपुर

वन्यजीव चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि मादा हिप्पो 7 वर्ष की है और नर हिप्पो 5 साल का है. दरियाई घोड़े के जोड़े से ब्रीडिंग की पूरी उम्मीद है. अगस्त 2019 में दरियाई घोड़े का जोड़ा दिल्ली से जयपुर लाया गया था. एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दिल्ली से दरिया घोड़े का जोड़ा लाया गया था.

यह भी पढे़ं- टिड्डी अटैक V/S स्कूली बच्चे...टिड्डियों को भगाकर ही माने

दरियाई घोड़े के बदले जयपुर से एक जोड़े घड़ियाल और एक जोड़े वुल्फ के बदले दरियाई घोड़े का जोड़ा लाया गया था. दिल्ली चिड़ियाघर में दरियाई घोड़े एक पिंजरे में रहते थे, लेकिन जयपुर आने के बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक अच्छा एनवायरमेंट मिला है.

दरियाई घोड़ा घास खाता है इसलिए एक बड़ी जगह दी गई है, जिसमें घास भी प्राकृतिक रूप से ही पनपती है. दरियाई घोड़े का जोड़ा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बने एग्जॉटिक पार्क में आराम से एडजस्ट हो गए हैं. अक्टूबर माह में ही दरियाई घोड़े की मेंटिंग हो चुकी है. उम्मीद की जा रही है कि निकट भविष्य में यह भी बच्चे देंगे.

रखा जा रहा है विशेष ध्यान

ऐसे समय में दरियाई घोड़े के जोड़े का विशेष ख्याल रखा जा रहा है. खाने-पीने में भी विशेष डाइट दी जा रही है. खाने में ऑयल केक मिला कर दिया जा रहा है, जो कि काफी फायदेमंद होता है. साथ ही नमक और हल्दी भी दी जा रही है. कुटा हुआ गेहूं, जौ और चना भी खाने में दिया जा रहा है।. हरे चारे में रंजका खिलाया जा रहा है, जिसको दरियाई घोड़े बड़े शौक से खाते हैं.

यह भी पढ़ें- स्पेशल: श्रद्धा के फूलों को तरसती रही बापू की यह प्रतिमा

उन्होंने बताया कि इनका प्रजनन समय 8 माह का होता है. दरियाई घोड़े की पानी के अंदर ही मेंटिंग होती है और पानी के अंदर ही बच्चे देते हैं. गर्मियों के मौसम में ज्यादातर समय पानी के अंदर ही बिताते हैं, लेकिन सर्दियों के मौसम में बाहर खुले में घास खाते हुए भी नजर आ रहे हैं.

दरियाई घोड़ा दुनिया का तीसरा सबसे भारी जानवर है. दुनिया के भारी जानवरों में पहला व्हेल मछली, दूसरा हाथी और तीसरा दरियाई घोड़ा है. दरियाई घोड़ा पानी और थल दोनों जगह पर ही रहता है. इसको हिप्पोपोटेमस के नाम से भी जाना जाता है, यह जलीय जीव है जो कि अफ्रीका में पाया जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details