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आना सागर झील में पाथ-वे बनाने पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण - Rajasthan High Court News

राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर की आना सागर झील में मलबा डालकर पाथ-वे बनाने पर राज्य सरकार से 15 अप्रैल तक स्पष्टीकरण देने को कहा है.

Ana Sagar Lake,  Rajasthan High Court Order
राजस्थान हाईकोर्ट

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Published : Apr 6, 2021, 8:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर की आना सागर झील में मलबा डालकर पाथ-वे बनाने पर राज्य सरकार से 15 अप्रैल तक स्पष्टीकरण देने को कहा है. न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार और न्यायाधीश मनोज व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश अशोक मलिक की जनहित याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता पीयूष नाग ने अदालत को बताया कि अजमेर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आनासागर झील में मलबा डालकर पाथ-वे बनाया जा रहा है, जिसे पेरी-फैरी से जोड़ा जाएगा. जबकि राज्य सरकार की अधिसूचना के तहत आना सागर संरक्षित झील की श्रेणी में आती है. वहीं, नगर निगम ने भी इस क्षेत्र को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित कर रखा है. इसके बावजूद यहां निर्माण कार्य किया जा रहा है. जिसके चलते झील का भराव क्षेत्र कम होने के साथ ही कुछ क्षेत्र मुख्य झील से अलग हो जाएगा.

वहीं, झील में सीवरेज प्लांट का दूषित पानी भी जाने से नहीं रोका गया है. सुनवाई के दौरान अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता से पाथ-वे के निर्माण की जानकारी मांगी. इस पर एएजी ने कहा कि उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है. इस पर अदालत ने एएजी को निर्देश दिए हैं कि वह राज्य सरकार से दिशा-निर्देश लेकर अदालत को जानकारी पेश करें.

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