जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि आईपीएल सीजन 2020 में राजस्थान रॉयल्स से जुड़े मैच प्रदेश से बाहर आयोजित कराने का निर्णय होता है तो वह याचिका के निर्णयाधीन होगा. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार और आरसीए सहित अन्य को जवाब पेश करने के लिए 13 फरवरी तक का समय दिया है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश राहुल कांवट व अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए.
प्रतीक कासलीवाल, वकील, आरसीए पक्ष सुनवाई के दौरान अदालत ने राजस्थान रॉयल्स की ओर से दिए जवाब पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आईपीएल सिर्फ रुपए कमाने के लिए ही नहीं होता है. इससे जनभावनाएं भी जुडी हुई हैं. टीम के साथ राजस्थान और रॉयल्स शब्द जुड़ा है तो मैच बाहर जाना उचित नहीं है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में मैच होने पर सरकार पूरा सहयोग करने को तैयार है. इससे प्रदेश का नाम भी होता है.
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राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि एसएमएस स्टेडियम ही नहीं उदयपुर और जोधपुर में भी मैच कराए जा सकते हैं. वहीं, खेल परिषद ने कहा कि एसएमएस स्टेडियम में मैच होने पर प्रति मैच उन्हें बीस लाख रुपए मिलेंगे, जो खिलाडियों के काम आएंगे. वहीं आरसीए की ओर से कहा गया कि एसएमएस स्टेडियम मैच के लिए तैयार है. यदि यहां मैच होते हैं तो राजस्थान रॉयल्स और बीसीसीसीआई से उन्हें प्रति मैच कुल साठ लाख रुपए मिलेंगे.
इसके अलावा बीसीसीआई की ओर कहा गया कि वर्ष 2019 में तय किए गए नियमों के तहत राजस्थान रॉयल्स चाहे तो तीन मैच बाहर करा सकता है. सुनवाई के दौरान राजस्थान रॉयल्स ने कहा कि जहां कमाई अधिक होती है, वहां मैच कराने पर निर्णय किया जाता है. इस पर अदालत ने कहा कि गुवाहाटी में मैच कराने से कितने अधिक रुपए मिल जाएंगे. टीम के साथ राजस्थान शब्द जुड़ने से यहां की जनभावनाएं भी साथ जुड़ी हैं.
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याचिका में कहा गया है कि आईपीएल फ्रेंचाईजी से हुए एमओयू में राजस्थान रॉयल्स के मैच एसएमएस स्टेडियम में ही कराना तय हुआ है. जबकि कुछ मैच गुवाहाटी में कराए जा रहे हैं. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 13 फरवरी को तय की है.