जयपुर. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के बाड़मेर के मालानी तेरापंथ भवन और नाकोड़ा जी में संचालित क्वॉरेंटाइन सेंटरों के औचक निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं से नाराज होकर अधिकारियों की ली गई क्लास पर अब मंत्री हरीश चौधरी ने कैलाश चौधरी को हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री का जो भाषा और व्यवहार था वह किसान की भाषा और व्यवहार नहीं था.
मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि कोई भी किसान पृष्ठभूमि का व्यक्ति इस तरीके की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि अगर कमियां हैं तो उन कमियों को दूर करने की व्यवस्थाओं में प्रशासन लगा हुआ है. जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के नाते और जिम्मेदार पद पर रहते हुए यह तरीका अख्तियार करना गलत है. उन्होंने कहा कि कैलाश चौधरी ने जो भाषा इस्तेमाल की वह नागपुर की भाषा है. यह चाल, चरित्र, चेहरा और भाषा नागपुर की दी हुई ट्रेनिंग का ही नतीजा है.