राजस्थान

rajasthan

सरकार की घोषणाओं से असंतुष्ट गुर्जर आंदोलन पर अड़े, करौली और भरतपुर में इंटरनेट सेवाएं बंद

By

Published : Oct 30, 2020, 10:46 AM IST

Updated : Oct 30, 2020, 11:37 AM IST

गुर्जर आरक्षण मामले को लेकर गहलोत सरकार की ओर से 3 बड़ी घोषणाओं के बावजूद गुर्जर नेता आंदोलन की राह पर अड़े हुए हैं. गुरुवार को मंत्री अशोक चांदना और रघु शर्मा ने कहा था कि सरकार टेबल पर बैठकर वार्ता करनी चाहती है और यह आंदोलन वार्ता से ही समाप्त होगा. वहीं आंदोलन की आहट के मद्देनजर करौली जिले में गुरुवार की रात से ही इंटरनेट ठप कर दिया गया है.

करौली न्यूज, rajasthan news
गुर्जर आंदोलन को लेकर करौली में नेट बंद

करौली/जयपुर.गुर्जर आरक्षण मामले को लेकर सरकार ने भले ही 3 घोषणाएं कर दी हों. लेकिन इनसे अंसतुष्ट गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति से जुड़े नेता आंदोलन पर अड़ गए हैं. वहीं गुर्जर नेताओं द्वारा जयपुर में सरकार के साथ वार्ता में हिस्सा नहीं लेने के बाद करौली जिले में गुरुवार रात 12 बजे के बाद से ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने फोन पर बातचीत करते हुए ईटीवी भारत को बताया कि वे सरकार की तीनों घोषणाओं से अंसतुष्ट हैं. जब तक सरकार उनकी सभी मांगें नहीं मान लेती तब तक वे कोई टेबल टॉक नहीं करेंगे. एक नवंबर को प्रस्तावित आंदोलन होकर रहेगा. जिले में इंटरनेट सेवाओं कों बंद करने को लेकर विजय बैंसला ने कहा कि सरकार अनावश्यक रूप से जनता को परेशान कर रही है.

वहीं पूर्व में बिना किसी सूचना के इंटरनेट सेवाएं बंद करने के बाद आमजन को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर से मोबाइल यूजर्स और ऑनलाइन स्टडी कर रहे छात्रों को समस्या झेलनी पड़ रही है. भरतपुर सहित संभाग के गुर्जर बाहुल्य कई क्षेत्रों में इंटरनेट बंद होने की सूचना मिल रही है.

सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित आंदोलन को देखते हुए जिला कलेक्टर, करौली ने सभी अधिकारियों को मुख्यालय पर रहने के आदेश जारी किए हैं. और यह निर्देशित किया गया है कि बिना सूचना के कोई भी अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ेगा.

यह भी पढ़ें.आरक्षण को लेकर गुर्जर समाज 1 नवंबर से फिर करेगा आंदोलन

गौरतलब है कि गुरुवार को सरकार और गुर्जर प्रतिनिधिमंडल की एक वार्ता होनी थी, लेकिन गुर्जर प्रतिनिधिमंडल से कोई भी व्यक्ति वार्ता के लिए जयपुर नहीं पहुंचा. ऐसे में सरकार की ओर से एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जहां अशोक गहलोत सरकार के दो मंत्री अशोक चांदना और रघु शर्मा ने मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सरकार टेबल पर बैठकर वार्ता करना चाहती है और यह आंदोलन वार्ता से ही समाप्त होगा.

बैठक में लिए गए 3 बड़े निर्णय...

मामले को लेकर मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि सरकार की ओर से गुर्जर आरक्षण समिति की मांगों को लेकर सरकार की ओर से एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें तीन बड़े निर्णय लिए गए हैं.

यह भी पढ़ें.गुर्जर आरक्षण आंदोलन : गहलोत सरकार ने की 3 बड़ी घोषणाएं...

उन्होंने कहा कि गुर्जर आंदोलन के दौरान घायल हुए कैलाश गुर्जर, मान सिंह गुर्जर और बद्री गुर्जर की मौत हो गई थी. जिसके मद्देनजर सामाजिक स्तर पर सहायता जुटाकर मंत्री अशोक चांदना की ओर से प्रत्येक परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.

आंदोलन की चेतावनी...

गौरतलब है कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने 1 नवंबर से आंदोलन की चेतावनी दे रखी है. सरकार की ओर से वार्ता के निमंत्रण पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह साफ कर दिया था कि अब वह सरकार से किसी तरह की टेबल टॉक नहीं करेंगे. उनकी सिर्फ जो मांगे हैं वह पूर्ण रूप से चाहिए.

विजय बैंसला ने यह भी साफ कर दिया था कि इस बार गुर्जर अगर पटरी पर बैठे तो नियुक्ति पत्र लेकर ही उठेंगे. गुर्जर संघर्ष समिति की ओर से दी गई चेतावनी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बुधवार देर रात को अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर गुर्जर संघर्ष समिति की मांगों को समाधान को लेकर निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री से मिले निर्देश के बाद ही गुरुवार को मंत्रिमंडल सब कमेटी की बैठक पहले तो 4:00 बजे बुलाई गई थी, लेकिन 52 गुर्जर संघर्ष समिति के प्रतिनिधि के नहीं आने पर यह बैठक खेल मंत्री अशोक चांदना के निवास पर हुई.

Last Updated : Oct 30, 2020, 11:37 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details