जयपुर. प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही कई नीतियां बदलने का ट्रेंड लंबे समय से चल रहा है. पार्टियां सत्ता में आने से पहले ही घोषणा कर देती है कि सरकार बनने नई नीतियां लेकर आएंगे. गहलोत सरकार ने भी सत्ता में आने से पहले विकास के आयाम स्थापित करने के लिए नीतियां लाने के वादे किए, लेकिन जमीनी हालात जस के तस बने हुए हैं.
गहलोत सरकार की 12 नई नीतियां :प्रदेश की गहलोत सरकार इस साल करीब एक दर्जन नई नीतियां (Gehlot government new policies) लेकर आई है. जिसमें महिला नीति. राजस्थान राज्य आयुष नीति और राजस्थान ईकोटूरिज्म नीति सहित 12 नीतियां शामिल हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश कहती है कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने 3 साल में कई आयाम स्थापित किए, इस साल की बात की जाए तो कई पॉलिसी सरकार लेकर आई है जिससे आम जन के आधार भूत ढांचे में बदलाव आएगा. ममता भूपेश ने कहा कि हमारी सरकार महिला नीति लेकर आई है इससे महिलाओं का समग्र विकास होगा. लंबे समय से इस इस पॉलिसी की जरूरत महसूस की जा रही थी.
करीब आधा दर्जन ऐसी पॉलिसी भी है जिनका ड्राफ्ट तो तैयार है, लेकिन सरकार लागू नहीं कर पा रही, जिसके चलते गहलोत सरकार सामाजिक संगठनों के निशाने पर भी है. जवाबदेही कानून, राइट टू हेल्थ और एससीएसपी / टीएसपी स्कीम को लागू करने की मांग को लेकर सामाजिक संगठन की और से प्रदेश भर में जवाबदेही यात्रा भी निकाली जा रही है.
3 साल में पारित नहीं हुआ जवाबदेही कानून :सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे कहते हैं कि 20 दिसंबर 2021 से राजस्थान प्रदेश में 45 दिन की जवाबदेही यात्रा निकाली रही है. जो सभी 33 जिलों में जाएगी और जवाबदेही कानून को लेकर आमजन को जागरूक किया जा रहा है. सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा हम जवाबदेही कानून पारित करेंगे. बजट घोषणा में भी मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जवाबदेही कानून पारित करेंगे, लेकिन सरकार के 3 साल हो गए अभी तक इस बिल को पास नहीं किया, जबकि यह सभी कानूनों का एक कानून है. इसके साथ-साथ राजस्थान सरकार ने दो और कानूनों के लिए घोषणा की थी. जिसमें स्वास्थ्य का अधिकार यानी राइट टू हेल्थ है. जो इस समय कोरोना के वक्त अत्यंत जरूरी है. जिसकी घोषणा भी कोविड से पहले की थी. जिसकी वह मांग कर रहे हैं. इसी तरह से एससीएसपी / टीएसपी स्कीम की भी मांग कर रहे हैं. एससी-एसटी और ट्राइबल के लोगों को जनसंख्या के अनुसार लाभ मिलना चाहिए.
साल 2021 में यह पॉलिसी बनी -
राजस्थान राज्य महिला नीति 2021 -राजस्थान सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं के समग्र विकास के लिए नई महिला नीति को मंजूरी दी है. यह नीति निरंतर विकास के लक्ष्य-2030 के अनुरूप बनाई गई है. सरकार का दावा है कि नई महिला नीति के अनुसार महिलाओं व बालिका कल्याण के लिए विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सकेगा. यह नीति बालिकाओं, महिलाओं व किशोरियों को सुरक्षित और सशक्त बनाने में सहायक होगी. इस नीति में महिलाओं के जीवन से जुड़े जन्म, आजीविका, स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, प्रशिक्षण, आवास, संपत्ति के स्वामित्व, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारिता को शामिल किया गया है.
RAJASTHAN ECOTOURISM POLICY 2021 (राजस्थान ईकोटूरिज्म नीति) -राजस्थान सरकार ईको टूरिज्म पॉलिसी पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा देगी. इसके लिए पहली बार नीति बनाई गई. सरकार की ओर से ईको टूरिज्म के लिए तैयार की गई नीति में डेजर्ट नाइट, टाइगर रिजर्व, लेपर्ड सफारी, बर्ड वॉचिंग पॉइंट्स, रिवर कैंपिंग, बोटिंग, बायो-डायवर्सिटी, हॉट स्पॉट और एग्रीकल्चर टूरिज्म का प्रावधान किया गया है.
प्रवेश नीति 2021-22 (राजकीय एवं निजी महाविद्यालयों के लिए) -विश्वविद्यालय/महाविद्यालय उपलब्ध सीटों/नियमों के तहत में विद्यार्थी को संकाय में प्रवेश को लेकर आ रही शिकायतों के बीच गहलोत सरकार राजकीय एवं निजी महाविद्यालयों के लिए प्रवेश नीति लेकर आई है. इन नीति के बाद निजी महाविद्यालयों की मनमानी पर अंकुश लगेगा.
राजस्थान हस्तशिल्प नीति-2021 -गहलोत सरकार ने राजस्थान में खासकर मरुधरा की पहचान हस्तकला को और बढ़ावा देने के लिए काफी जोर दिया है. सरकार की ओर से बड़ी इकाइयों के साथ छोटी इकाइयों का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है, इनके जरिए काफी लोगों को रोजगार मिल रहा है . इसमें सबसे अहम राजस्थान हस्तशिल्प नीति-2021 (Rajasthan Handicraft Policy), जो राजस्थान में निवेश बढ़ाने में सहायक होगी. नई नीति के 30 प्रावधान दम तोड़ते पारंपरिक उद्योग को नया जीवन देंगे. सरकार की कोशिश है कि नई नीति से ना केवल घरेलू और विदेशी कारोबार बढ़े साथ ही इस आजीविका से जुड़े 6 लाख हस्तशिल्प परिवारों का जीवन भी निखारें. वर्तमान में राजस्थान से हैंडीक्राफ्ट उत्पादों का निर्यात 5219 करोड़ रुपए है और घरेलू बाजार में भी 20 हजार करोड़ रुपए की भागीदारी हैं. सरकार की इच्छा है कि ये कारोबार बढ़े और निर्यात 10 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचे. इसमें मीना कारी ब्लू पॉटरी, मूर्तिकला, टेराकोटा, सिल्वर आर्ट, वुड फर्नीचर, स्टोन वर्क, सांगानेरी और बगरू प्रिंट, कोटा डोरिया, लहरिया, बंधेज सहित अन्य आर्ट वर्क पर फोकस होगा.
राजस्थान देवस्थान विभागीय किराया नीति 2021 -विभाग ने 20 साल बाद किराया नीति में बदलाव किया गया है. ऐसे में प्रदेश के 2,220 किरायेदारों के किराए में 15 से 30% तक बढ़ोतरी की जा सकती है . अगर कहीं डीएलसी दरों में वृद्धि हुई है तो वहां 3 से 5% तक किराया (Rajasthan Devasthan Departmental Rent Policy 2021) बढ़ाया जा सकता है. विभाग इस राशि से अपने अधीन आने वाले मंदिरों का विकास करेगा.