जयपुर. राजस्थान में चल रही उठापटक के बीच नेताओं की ओर से लगातार बयानबाजी हो रही है, लेकिन इस बार जो बयान सामने आया है वह बयान सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह किसी और का बयान नहीं बल्कि राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ खांटी जाट नेता नारायण सिंह की ओर से आया है.
'सरकार में हिस्सेदारी देना कांग्रेस नेतृत्व की नैतिक जिम्मेदारी'
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नारायण सिंह ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओ ने खुब मेहनत की और अपना पसीना बहाया है, तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है, इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि प्रदेश स्तर और जिला स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदारी दी जाए, जिससे उनका मनोबल बढ़े. ऐसा किया जाना कांग्रेस नेतृत्व की नैतिक जिम्मेदारी है.
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सिंह ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को पुराने और निष्ठावान कांग्रेस कार्यकर्ताओं, जिन्होने विपरीत परिस्थितियों में पार्टी का झण्डा बुलंद रखा उनकी सुनवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आज देश में जो हालात बने हैं और केंद्र सरकार का जो किसान विरोधी रवैया है, उसका विपरीत प्रभाव किसानों पर पड़ा है, इसलिये प्रदेश के किसानों की हरसंभव मदद करने का काम प्रदेश सरकार को करना चाहिए.
राजनीतिक नियुक्तियों में सबकी हिस्सेदारी होनी चाहिएः नारायण सिंह
नारायण सिंह का बयान प्रदेश की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि नारायण सिंह को सचिन पायलट समर्थक और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोधी माना जाता है. भले ही नारायण सिंह ने सीधे किसी पर आरोप नहीं लगाया हो और ना ही किसी का समर्थन किया हो, लेकिन जिस तरह से उन्होंने कार्यकर्ताओं की मेहनत से सरकार बनने और उसे सत्ता में भागेदारी देने की मांग की है साफ है कि उन्होंने वही राजनीतिक नियुक्तियों की बात कही है, जो पायलट लम्बे समय से मांग कर रहे हैं.