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कृषि कानूनों को लेकर किसानों में आक्रोश, 10 किलोमीटर तक निकाली हुंकार रैली

जयपुर में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अब जयपुर जिले में भी इन कृषि कानूनों के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को किसानों के साथ ग्रामीणों ने हुंकार रैली निकाली.

Farmers took out anger rally, किसानों ने निकाली हुंकार रैली
किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ निकाली हुंकार रैली

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Published : Dec 5, 2020, 10:30 PM IST

जयपुर.केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. पूरे देश के किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं और इसमें अपना सहयोग भी दे रहे हैं. भाजपा के अलावा अन्य पार्टियां भी इन कृषि कानूनों के खिलाफ है. हजारों की संख्या में किसान इन कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. अब जयपुर जिले में भी इन कृषि कानूनों के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को किसानों के साथ ग्रामीणों ने एक बड़ी हुंकार रैली निकाली.

किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ निकाली हुंकार रैली

रैली के दौरान ग्रामीणों ने 10 किलोमीटर का पैदल मार्च निकाला. इस रैली में सैंकड़ों ट्रैक्टरों और मोटर साइकिलो के साथ किसान शामिल हुए. जिले के झोटवाड़ा और जोबनेर पंचायत समिति के गांवों के सरपंचों सहित किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ हुंकार रैली निकाली. इसमें ग्रामीण बड़ी संख्या में अपने ट्रैक्टरों के साथ शामिल हुए. किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनका पुतला भी फूंका। यहाँ एक सभा का भी आयोजन किया गया.

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हुंकार रैली में शामिल हुए किसानों ने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन देने और कृषि कानूनों के खिलाफ यह हुंकार रैली निकाली है और जरूरत पड़ी तो हम दिल्ली जाने को भी तैयार है. रैली में सैंकड़ों गांवों के सरपंच शामिल हुए. इसमे महिला सरपंच भी शामिल थी.

किसानों ने जयपुर-फलोदी मेगा हाइवे स्थित बस्सी नागान टोल से जोबनेर तक यह रैली निकाली और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. रैली के दौरान जयपुर-फलोदी मेगा हाईवे पर कई किलोमीटर का लंबा जाम भी देखने को मिला. यातायात को सुचारू करने के लिए जोबनेर थाना पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.

कालख महिला सरपंच शारदा मेहता भी खुद ट्रेक्टर चलाकर हुंकार रैली में शामिल हुई. उन्होंने ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून काले कानून है. उन्होंने भंडारण को लेकर आपत्ति जताई, कहा कि छोटा किसान किस तरह से उपज का भंडारण कर सकेगा. जब पहले सरकार भंडारण को बंद कर चुकी है, तो अब वर्तमान भाजपा सरकार इस भंडारण को फिर से शुरू क्यों कर रही है? जो भी भंडारण होगा, वह बड़े व्यापारी ही करेंगे. कॉन्ट्रैक्ट खेती को लेकर भी शारदा मेहता ने आपत्ति जताई.

उन्होंने कहा कि पहले से ही उपज की दर फिक्स हो जाने से यदि उपज के दाम बढ़ते हैं तो किसान फिक्स की गई दर पर ही अपनी उपज बेचने को मजबूर हो जाएगा. किसान सिर्फ एमएसपी पर खरीद की मांग कर रहे है. इसके अलावा किसानों की कोई मांग नहीं है, केंद्र सरकार किसानों को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है. एमएसपी के जरिए किसान अपनी फसल को कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र होगा सरपंचों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार हुंकार रैली से नहीं मानती है तो हम दिल्ली भी कूच करेंगे.

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सरपंच सोहन सेपट ने कहा कि हमारे किसान भाई 10 दिनों से दिल्ली में डटे हुए हैं, लेकिन सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही. यदि केंद्र सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो जयपुर जिले के किसान दिल्ली के लिए हुंकार भरेंगे. यदि जरूरत पड़ी तो चक्का जाम भी करेंगे. कृषि बिलों के खिलाफ किसानों की ओर से 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. जयपुर जिले के किसान भारत बंद का पूरा समर्थन कर रहे हैं और इस बंद को लेकर सभी किसान लामबंद है. 8 तारीख को जयपुर जिले और जोबनेर क्षेत्र के किसान बस्सी नागान टोल पर चक्का जाम करेंगे और सभी प्रतिष्ठान बंद रखेंगे.

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