जयपुर: राजस्थान में नगर निगम चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. निकाय चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी माहौल गरम हो गया है. जयपुर, जोधपुर, कोटा के 6 नगर निगमों के लिए चुनाव होने हैं. पार्षद बनने की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है. हालांकि अभी प्रत्याशियों को टिकट नहीं मिले हैं. ऐसे में टिकट की मांग को लेकर प्रत्याशी बड़े नेताओं के घरों पर चक्कर काट रहे हैं.
बता दें कि इस बार राजस्थान में नगर निगम के चुनाव में महापौर का चयन प्रत्यक्ष तरीके से ना होकर होकर अप्रत्यक्ष रूप से होगा. ऐसे में हाइब्रिड फार्मूले के आधार पर मेयर चुना जाएगा. इसके बाद से एक बार फिर चर्चा होने लगी है कि कांग्रेस के किसी बड़े नेता के चहेते को तो मेयर पद के लिए बैक डोर एंट्री देने के लिए यह सारी कवायद तो नहीं है. लेकिन राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आज यह बिल्कुल साफ कर दिया है कि नगर निगम चुनाव में महापौर वही बनेगा, जो पार्षद का चुनाव जीतेगा.
केवल एक परिस्थिति में होगा हाइब्रिड फार्मूले का उपयोग
महेश जोशी ने कहा कि हाइब्रिड फार्मूला अस्तित्व में जरूर है लेकिन इसका उपयोग केवल उसी स्थिति में होगा, जब कोई ओबीसी महिला चुनाव नहीं जीतती है. इन चुनाव में यह भी कहा जा रहा था कि हाइब्रिड फार्मूला बड़े नेताओं के लिए महापौर बनने की बैक डोर एंट्री होगी. लगातार यह चर्चाएं की जा रही थी कि खुद मुख्य सचेतक महेश जोशी के परिवार से उनकी पुत्रवधू महापौर की प्रत्याशी हो सकती हैं. लेकिन आज महेश जोशी ने बिल्कुल साफ कर दिया कि उनके परिवार से न तो कोई पार्षद का चुनाव लड़ रहा है ना ही कोई महापौर का प्रत्याशी होगा.