नई दिल्ली/जयपुर.एमपीएटीजीएम डीआरडीओ की ओर से बनाई तीसरी जनेरेशन की मिसाइल है. बताया जा रहा है कि यह मिसाइल डीआरडीओ द्वारा बनाई गई श्रेष्ठतम तकनीकों में से एक है. माना जा रहा है कि यह टैंक मिलान ऐंटी-टैंक मिसाइल की जगह ले सकती है, जो भारतीय सेना में वर्तमान में प्रयोग की जा रही है.
राजस्थान के धोरों में ऐंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल के धमाके...पाकिस्तान की फूंक सरकी - परीक्षण
राजस्थानी धोरों के बीच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने बुधवार रात मैन पोर्टेबल ऐंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का सफल परीक्षण किया. एमपीएटीजीएम भारतीय सेना के पैदल सैनिकों के लिए बनाया गया है. डीआरडीओ ने इस मिसाइल का बीती रात 2 से 3 किलोमीटर की मारक क्षमता पर परीक्षण किया.
एमपीएटीजीएम
गौरतलब है, मंगलवार को DRDO ने लंबी मारक क्षमता वाले रॉकेट का सफल परीक्षण राजस्थान के ही पोखरण रेंज में किया था. इसी तरह सोमवार को भी 2 रॉकेट का परीक्षण किया गया था. इन दोनों ही परीक्षण में प्रयोग हुए हथियार प्रणालियों ने अपनी क्षमता अनुसार सफल और सटीक परिणाम देते हुए DRDO की उम्मीदों पर खरी उतरी.