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ग्रामीण क्षेत्रों में दिये जाने वाले घरेलू नल कनेक्शन में तेजी लाई जाए : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा है कि जलजीवन मिशन के तहत ग्रामीण घरों में दिये जाने वाले कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन के लक्ष्य पूर्ति में तेजी लाई जाये. आर्य मंगलवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को सम्बोधित करते हुए ये बातें कही.

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Published : Mar 10, 2021, 6:35 AM IST

Published : Mar 10, 2021, 6:35 AM IST

chief secretary niranjan arya
ग्रामीण क्षेत्रों में दिये जाने वाले घरेलू नल कनेक्शन

जयपुर.मुख्य सचिव निरंजन आर्य मंगलवार को शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को सम्बोधित कर रहे थे. इस दौरान आर्य ने कहा कि गांवों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने की योजना के निर्माण, संचालन और सफल क्रियान्वयन के लिए सभी ग्राम पंचायतों, स्थानीय समुदाय और हितधारकों का सहयोग जरूरी है. राजस्थान के 43 हजार 364 गांवों में से वर्तमान में 395 गांव शत-प्रतिशत कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन वाले गांवाें में सम्मिलित हैं.

मुख्य सचिव ने सभी संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया कि ग्राम स्तर पर गठित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति, जिला स्तर पर गठित जिला जल एवं स्वच्छता समिति की निरंतर बैठकें आयोजित की जाएं, साथ ही सभी विभाग समन्वित रूप से कार्य करें. आर्य ने कहा कि मनरेगा के तहत पांरपरिक पेयजल स्त्रोतों के साथ वर्षा जल संचयन स्त्रोतों के निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्हाेंने निर्देश दिये कि सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रोें पर पाइपलाइन से स्वच्छ पेयजल पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाए. जिन विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर पाइपलाइन द्वारा पेयजल उपलब्ध नहीं करवाया जा सकता है वहां वर्षा जल संचयन स्त्रोतों का निर्माण किया जाना चाहिए.

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मुख्य सचिव ने बताया कि कार्यात्मक घरेलू पेयजल कनेक्शन प्रदान करने मे गंगानगर, राजसमंद, नागौर, सवाई माधोपुर और चितौड़गढ जिले अग्रणी हैं. वहीं जैसलमेर, बांसवाड़ा, चूरू, बारां, प्रतापगढ, झालावाड़ और दौसा जिलों में कार्य का औसत राज्य के औसत से काफी कम है. बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा जलजीवन मिशन के तहत देश के सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्दों को पाइपलाइन द्वारा जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का 100 दिवसीय अभियान 2 अक्टूबर 2020 को शुरू किया गया था.

इस अभियान को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है. पंत ने बैठक में 31 मार्च 2021 तक तय समय सीमा में इस लक्ष्य को प्राप्त करने संबंधी दिशा-निर्देश दिए. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि इस लक्ष्य की प्राप्ति में गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, झुंझुनूं और सीकर अग्रणी जिले हैं. वहीं धौलपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, भरतपुर , दौसा, उदयपुर और बारां जिलों में विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों तक पाइपलाइन द्वारा जल आपूर्ति का काम राज्य के औसत से भी कम है, जिस पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है.

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