जयपुर. नीट पीजी काउंसलिंग (NEET-PG Counselling 2021) में लेटलतीफी का देशभर में विरोध किया जा रहा है. राजधानी जयपुर में रेजीडेंट डॉक्टर सोमवार से संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं. हालांकि इमरजेंसी सेवाओं को कार्य बहिष्कार से दूर रखा गया है. सोमवार से रेजिडेंट्स ने ओपीडी सेवाएं नहीं देने का निर्णय लिया है.
नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी के कारण रेजिडेंट चिकित्सकों में आक्रोश व्याप्त है. उनका कहना है कि काउंसलिंग नहीं होने के कारण उन पर लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है, इसके कारण रेजिडेंट चिकित्सक अवसाद का शिकार हो रहे हैं. काउंसलिंग को लेकर केंद्र सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है. रविवार को प्रदेश के रेजिडेंट चिकित्सकों ने ओपीडी का बहिष्कार (OPD boycott) कर सोमवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर जाने की चेतावनी दी थी. रेजिडेंट ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी, एकेडमिक शेड्यूल और कक्षाओं का भी बहिष्कार करेंगे. इस दौरान इमरजेंसी से जुड़ी सेवाओं को चालू रखा जाएगा.
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1000 की जगह मात्र 600 रेजिडेंट
जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (Jaipur Association of Resident Doctors) के अध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि काउंसलिंग में हो रही देरी के चलते नया बैच अस्पतालों में नहीं आ पा रहा है. ऐसे में जहां 1000 रेजिडेंट चिकित्सकों की अस्पतालों में जरूरत है, वहां सिर्फ 600 रेजिडेंट ही काम कर रहे हैं. बाकी 400 रेजिडेंट का कार्य भी मौजूदा रेजिडेंट चिकित्सकों द्वारा ही किया जा रहा है. ऐसे में चिकित्सकों में लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है.