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स्पेशल रिपोर्ट : एक गार्ड की सलाह ने बदली जिदंगी, देश के लिए जीता गोल्ड मेडल

जयपुर के दिव्यांश पंवार ने हाल ही में चीन में आयोजित शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. 17 वर्षीय दिव्यांश पंवार जयपुर के जगतपुरा के रहने वाले हैं. उनके पिता अपने बेटे की सफलता का श्रेय एक गार्ड को देंते हैं.

जयपुर न्यूज, jaipur news

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Published : Nov 22, 2019, 11:44 PM IST

Updated : Nov 23, 2019, 12:10 AM IST

जयपुर.एक सही सलाह किस तरह जीवन बदल सकती है, इसका उदाहरण है जयपुर के दिव्यांश पंवार, जिन्होंने हाल ही में चीन में आयोजित हुई शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतकर देश के साथ-साथ प्रदेश का नाम भी रोशन किया है. अनूठी बात यह है कि दिव्यांश ने अपने इस करियर की शुरूआत एक गार्ड के कहने पर की थी.

जयपुर के दिव्यांश की कहानी

बता दें कि हाल ही में चीन में आयोजित हुई शूटिंग वर्ल्ड कप में जयपुर के 17 वर्षीय दिव्यांश पंवार ने देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर देश के साथ-साथ प्रदेश का नाम भी रोशन किया है. दिव्यांश ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में यह गोल्ड मेडल जीता, उन्होंने फाइनल में 250.1 हासिल किए.

दिव्यांश के पिता अशोक पंवार सवाई मानसिंह अस्पताल में नर्सिंगकर्मी है और बेटे के गोल्ड मेडल जीतने की खुशी में आज उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक डॉ डीएस मीणा समेत अन्य सहकर्मियों का मुंह मीठा करवाया है.

गार्ड की सलाह से बदली जिदंगी

दिव्यांश की इस सफलता का श्रेय उनके पिता शूटिंग रेंज के एक गार्ड गुलाब सिंह को देंते हैं. दरअसल दिव्यांश का घर जगतपुरा के शूटिंग रेंज के पास स्थित है, इसीलिए शूटिंग रेंज में कार्यरत गुलाब सिंह अक्सर अशोक पंवार से दवाइयां लेने उनके मेडिकल स्टोर पर आया करते थे, तभी गुलाब सिंह ने उन्हें बेटे को शूटिंग सिखाने की सलाह दी थी.

12 वर्ष की उम्र से शुरू किया खेलना

गुलाब सिहं की सलाह के बाद दिव्यांश के पिता ने उसका 12 वर्ष की उम्र में शूटिंग रेंज में दाखिला करा दिया था. उन्होंने एक लकड़ी की राइफल खरीद कर दिव्यांश को दी थी, इस राइफल से दिव्यांश जगतपुरा स्थित शूटिंग रेंज में अभ्यास किया करता था.

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लेकिन, जगतपुरा शूटिंग रेंज में इलेक्ट्रॉनिक टारगेट बोर्ड नहीं थे. ऐसे में उन्होंने अपने बेटे का एडमिशन माहेश्वरी पब्लिक स्कूल में करवाया और इस स्कूल ने दिव्यांश के प्रतिभा देखकर ना सिर्फ स्कूल की फीस माफ की बल्कि, इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग रेंज में दिव्यांश को निशुल्क अभ्यास का मौका भी दिया, जिसके बाद दिव्यांश ने राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते.

पबजी की लत छोड़, मेडल को बनाया लक्ष्य

दिव्यांश के पिता बताते हैं कि कुछ समय पहले दिव्यांश मोबाइल में काफी व्यस्त रहता था और एक निशानेबाजी का गेम मोबाइल में खेला करता था. जब उन्होंने उससे इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह निशानेबाजी की प्रैक्टिस कर रहा है.

दरअसल, दिव्यांश को पबजी खेलने की लत लग गई थी और जब उनके पिता को इस खेल के बारे में पता लगा तो वह अपने बेटे से नाराज हुए लेकिन, पिता की बातों को अहमियत देते हुए दिव्यांश ने पबजी गेम खेलना छोड़ा और अपना सारा ध्यान निशानेबाजी पर केंद्रित किया. जिसके बाद दिव्यांश ने टोक्यो ओलंपिक का टिकट कटवाया और वर्ल्ड कप शूटिंग फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को गोल्ड मेडल भी जीत लिया है.

वहीं बेटे की सफलता से खुश दिव्यांश के पिता अशोक पंवार ने कहा है कि मेरे बेटे ने देश के लिए मेडल जीता है, तो इससे बड़ी खुशी की बात कोई और नहीं हो सकती. इस मौके पर उन्होंने मीठाई बांट कर सभी का मुंह मीठा कराया.

Last Updated : Nov 23, 2019, 12:10 AM IST

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