जयपुर. सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के साथ उसके अन्य विकल्प क्या हों इसको लेकर मंथन चल रहा है. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि केन्द्र सरकार के प्रस्ताव के अनुसार राज्य में एकल उपयोग वाले प्लास्टिक (सिंगल यूज प्लास्टिक) पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रभावित समूहों से चर्चा करें, अनावश्यक उपयोग को कड़ाई से प्रतिबंधित करें और जहां उपयोग जरूरी है उसके लिए अन्य विकल्प तलाशें.
मुख्यसचिव निरंजन आर्य ने कहा कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है. राज्य में पहले से ही कई प्लास्टिक उत्पाद प्रतिबंधित हैं. सरकारी कार्यालयों में 2019 से कड़ाई से प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाई गई है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ड्राफ्ट अधिसूचना के अनुसार आगामी 1 जनवरी से प्रतिबंध लगना प्रस्तावित है, इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए सभी पहलुओं पर विचार करना जरूरी है.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्लास्टिक उत्पादकों और उपभोक्ताओं के समूहों के साथ प्रतिबंध से होने वाले प्रभाव पर चर्चा करें. उन्होंने कहा कि कार्ड और पैकेट्स पर चढ़ाई जाने वाली अनावश्यक रैपिंग और पैकिंग फिल्म्स जैसे उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए किसी विकल्प की जरूरत नहीं है, लेकिन जहां प्लास्टिक का उपयोग जरूरी है, उसके स्थान पर दूसरे विकल्प तलाश करने होंगे.