जयपुर.राजस्थान में मौसमी बीमारियां लगातार बढ़ती जा रही है. प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या अब 9,600 के पार पहुंच गई है. जबकि अब तक डेंगू से 23 लोगों की मौत हो गई है. गनीमत रही कि रिकवरी रेट बेहतर है लेकिन परेशानी इस बात की है कि तमाम प्रयासों के बावजूद डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
अकेले राजधानी जयपुर में ये आंकड़ा एक हजार 886 पहुंच गया है, जो प्रदेश में सर्वाधिक है. जबकि दोनों नगर निगम का दावा है कि उन तक पहुंचने वाली फॉगिंग से जुड़ी हर समस्या का निस्तारण किया जा रहा है. हर दिन करीब 10 से 12 वार्डों में फॉगिंग भी की जा रही है.
जयपुर में मौसमी बीमारियों मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में फोगिंग का चौथा चरण है, जबकि ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में दूसरा चरण चल रहा है. निगम की ओर से प्रत्येक वार्ड और जोन का प्रोग्राम बनाकर फॉगिंग कार्य, कीटनाशक छिड़काव कार्य और रूके हुए पानी में एन्टीलार्वा एक्टीविटिज (टेमाफास +जला हुआ ऑयल डालने) का कार्य नियमित किया जा रहा है.
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हेरिटेज नगर निगम का दावा है कि वार्ड पार्षदों की मांग के अनुसार सभी वार्डों में 3 बार फोगिंग करवाई जा चुकी है. इसके साथ ही आमजन की शिकायतों के अनुरूप 675 शिकायतों पर फोगिंग जबकि 226 शिकायतों का निस्तारण कीटनाशक दवाओं के छिड़काव से करवाया गया है. वहीं ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में द्रव्यवती नदी का क्षेत्र, मानसरोवर, कच्ची बस्तियों/हाईरिस्क एरिया (जहां मच्छरों का घनत्व अधिक हो) में प्रोग्राम बनाकर सघन स्तर पर फोगिंग करवाई जा रही है.
दावा है कि फॉगिंग कार्य वार्ड वाईज प्रथम चरण में पूरा करवाया जा चुका है. जबकि दूसरे चरण में लगभग पूरा हो चुका है. इसके साथ ही वार्ड प्रोग्राम के अतिरिक्त कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम, द्वितीय से प्राप्त मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया की सूची, कॉल सेन्टर, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल और फोन पर मिल रही. हर दिन की करीब 150 शिकायतों का निस्तारण भी किया जा रहा है.
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इन दावों के विपरीत डेंगू से जुड़े आंकड़े बेचैन करने वाले हैं. आलम ये है कि अब प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस तक में डेंगू मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है. यही नहीं अस्पताल में ब्लड और प्लेटलेट्स की भी मांग बढ़ने लगी है. ऐसे में जहां चिकित्सा कर्मियों को अलर्ट किया गया है. वहीं घर-घर सर्वे का काम भी किया जा रहा है.