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स्पेशल: फैशन शो में रैंप वॉक पर जलवा बिखेरने वालों पर कोरोना का साया, कहा- सरकार से आस

कोरोना के चलते मेट्रो सिटी का फैशन और ट्रेंड सब थम सा गया है. जहां पहले फैशन शो में मॉडल्स रैंप पर अपना जलवा बिखेरती थीं, वहीं अब वो सिर्फ वर्चुअल बनकर रह गया है. ऐसे में इसे फैशन इंडस्ट्री के लिए एक झटका माना जा रहा है. कोरोना संकटकाल फैशन की चकाचौंध दुनिया के लिए किस तरह की चुनौतियां और बदलाव लाने वाला है, जानते हैं इस रिपोर्ट में...

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कोरोना के चलते फैशन शो करने वालों पर संकट

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Published : Sep 4, 2020, 6:59 PM IST

जयपुर.शोहरत, मकसद और फैशन का जलवा जब इठलाती-बलखाती मॉडल्स रंग-बिरंगी रोशनी और हाई बिट्स म्यूजिक पर रैंप वॉक बिखेरती हैं तो सबकी सांसे थम सी जाती हैं. मॉडल्स का कॉन्फिडेंस, एटीट्यूड और बॉडी लैंग्वेज देखने लायक होता है. फैशन उद्योग ने देश के लगभग सभी मेट्रो सिटीज में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. इनमें पिंकसिटी जयपुर भी शामिल था, जहां फैशन शो आम हो गए. लेकिन अब कोविड महामारी की काली घटाएं फैशन इंडस्ट्रीज पर भी छा गई हैं, जिसका प्रभाव शहर के मॉडल्स और फैशन शो आयोजकों पर पड़ा है.

कोरोना के चलते फैशन शो करने वालों पर संकट

बता दें कि पहले जहां मॉडल्स चकाचौंध भरी चमक में रहती थीं, वो अब वर्तमान उदासी में जिंदगी जी रही हैं. ऐसे में शहर की मॉडल नीता सैमुअल ने ईटीवी भारत से बातचीत में अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि, अभी तक कि स्थिति जो है कि मार्च से सितंबर तक कोई शो नहीं हुए. ऐसे में लोगों में डर है कि अगर वो कहीं गए तो संक्रमण का खतरा हो सकता है.

फैशन शो पर कोरोना का असर

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नीता सैमुअल ने बताया कि कोरोना काल में ही वो खुद एक जगह शूट पर गई थीं, लेकिन वहां भी दूसरी मॉडल्स कोरोना पॉजिटिव निकली. इसकी वजह से मॉडल्स ही नहीं, बल्कि कॉर्डिनेटर, डिजाइनर्स सब में ये डर बैठा हुआ है, कि अगर शूट कर भी लिया तो क्या वो सेफ रहेगा या नहीं. पहले जहां 100 फीसदी शूट होते थे वो अब 10 फीसदी तक आ गए हैं. इसके अलावा जो फ्रेशर्स मॉडल्स हैं, उनके लिए ज्यादा चुनौतियां हैं. क्योंकि इस समय एक्सपीरियंस मॉडल्स को भी काम नहीं मिल पा रहा.

मेट्रो सिटी का फैशन और ट्रेंड थमा

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वहीं फैशन शो ऑर्गनाइजर जेजे कश्यप का कहना है कि, वैश्विक महामारी ने जितना नुकसान दूसरी इंडस्ट्रीज को पहुंचाया है. उतना ही फैशन इंडस्ट्रीज पर भी हुआ है. फैशन इंडस्ट्रीज में बिना क्राउड कोई शो नहीं होता, यदि जब क्राउड ही नहीं होगा तो न कोई स्पोंसर पैसा देगा और न ही कोई पार्टी धनराशि खर्च करेगी. इंवेंट जो होते हैं, वो स्पोंरशिप बेसेज पर होते हैं यदि भीड़ ही नहीं हो तो इंवेंट कहां से करें. ऐसे में कुछ ऑर्गनाइजरों ने वर्चुअली प्लान किया है. तो वो केवल इंटरटेनमेंट, एक्टिविटी प्लान और अपनी सक्रियता दर्शाने के लिए है, न कि सक्सेजफुल. इवेंट तभी सफल हो सकता है, जब उसको अच्छा क्राउड और अच्छे स्पोंसर मिले.

सरकार से राहत की उम्मीद

हालांकि कोरोना संकट काल के बीच शहर में फैशन शो आयोजित करने के लिए ऑनलाइन मोड को अपनाया गया है. इसको लेकर जेजे कश्यप टिप्पणी करते हुए कहते हैं कि ऑनलाइन के जरिए कुछ सिख सकते हैं और सेल-पर्चेज कर सकते हैं. लेकिन जहां तक बात फैशन शो इवेंट की आती है तो पॉसिबल नहीं है. फैशन से रिलेटेड जो भी इवेंट होता है, वहां सभी लोगों की भीड़ दिखती है और उनके बिना संभव नहीं है. हालांकि मॉडल्स के फोटोज-वीडियो जरूर डाल सकते हैं, लेकिन जो क्राउड से शो निखरता है या फिर उससे जो कमाई होती है वो कोरोना काल में नहीं है.

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ऐसे में मॉडल्स और फैशन शो ऑर्गनाइजर्स की राज्य सरकार से अपील है कि, इस स्थिति में सुधार के लिए कोई प्लान दे. साथ ही कोई गाइडलाइंस दे, ताकि उसी दिशा- निर्देश में इवेंट्स इंडस्ट्री आने वाले आगे फैशन इवेंट्स को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकें.

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