जयपुर.देश में कोरोना संकट से उपजी स्थितियों के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गुरुवार को संवाद किया. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए राज्यों को एक लाख करोड़ रूपए की सहायता तत्काल उपलब्ध करवाई जाए.
साथ ही संकट की इस घड़ी में आवश्यक वस्तुओं, दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार इंटर स्टेट सप्लाई चेन प्रोटोकॉल शीघ्र लागू करे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार की ओर से बेसहारा एवं निराश्रितों, गरीबों, निर्माण श्रमिकों सहित तमाम जरूरतमंद वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए फैसलों से की जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना जैसी आपदा का सामना करने के लिए केंद्र सरकार का पर्याप्त सहयोग राज्यों के लिए बेहद जरूरी है.
उधार लेने की क्षमता बढ़ाई जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदी के कारण देश के अधिकतर राज्य पहले से ही विकट आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे हैं. लॉकडाउन होने से प्रदेश का पूरा अर्थतंत्र प्रभावित हो रहा है. उद्योग-धंधे बंद पडे़ हैं. राजस्व अर्जन की ज्यादातर गतिविधियां बंद होने से लक्ष्य के मुकाबले काफी कम राजस्व एकत्र हो पाया है.
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जबकि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार को जरूरतमंद वर्गों को अतिरिक्त सहायता एवं आर्थिक पैकेज उपलब्ध करवाना पड़ा है. इसके चलते प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द राहत पैकेज उपलब्ध करवाए. प्रदेश के लिए उधार लेने की क्षमता को 2 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान की जाए.
उपकरणों की खरीद का समन्वय हो
गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए फिलहाल सभी राज्य पीपीई उपकरणों एवं वेंटिलेटर की अलग-अलग खरीद कर रहे हैं. इससे इनकी दरें ज्यादा आने के साथ ही उनमें भिन्नता भी रहती है. केंद्र सरकार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से इस खरीद व्यवस्था का समन्वय करे, ताकि सभी राज्यों को जरूरी मेडिकल उपकरण एवं वेंटिलेटर उचित दरों पर एवं समय पर उपलब्ध हो सकें.