राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

मुख्यमंत्री का प्रशासनिक सुधार के लिए महत्वपूर्ण निर्णय, जिलों में संभागीय आयुक्त की पर्यवेक्षण व्यवस्था अधिक मजबूत होगी - Divisional Commissioner

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारने के लिए निर्णय लिया है. इसके तहत संभागीय आयुक्त को संबंधित संभाग के सभी जिलों के समस्त कार्यों के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी जाएगी. वहीं संभागीय आयुक्तों को अब प्रत्येक माह संबंधित जिलों का दौरा करना होगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जयपुर न्यूज, Divisional Commissioner, Decision for administrative reform
प्रशासनिक सुधार के लिए महत्वपूर्ण निर्णय

By

Published : Jul 27, 2020, 10:49 PM IST

जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में जिला स्तर पर प्रशासनिक ढांचे को सुदृढ़ करने और संबंधित अधिकारियों को अधिक जवाबदेह बनाने के लिए पर्यवेक्षण व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार करने का निर्णय लिया है. नई व्यवस्था में संभागीय आयुक्त को संबंधित संभाग के सभी जिलों के समस्त कार्यों के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी जाएगी.

अशोक गहलोत ने इस संबंध में मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की ओर से प्राप्त प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, प्रदेश में राज्य स्तर से ग्राम स्तर तक योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए प्रशासन की दो अलग-अलग समानान्तर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. इसलिए जिला स्तर पर पर्यवेक्षण के लिए संभागीय आयुक्त को अधिक जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया है.

ये पढ़ें:गहलोत सरकार ने 824 RPS को दिया पदोन्नति का तोहफा, गृह विभाग ने जारी किया आदेश

मुख्यमंत्री ने संभागीय आयुक्त को संबंधित संभाग के सभी जिलों के समस्त कार्यों के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी है. इसके अनुसार, अब संभागीय आयुक्त अपने संभाग के प्रत्येक जिले में प्रत्येक माह में कम से कम दो दिन तक भ्रमण पर रहेंगे. जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठकें कर विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा करेंगे. साथ ही, संभागीय आयुक्त जिला स्तरीय जन अभाव अभियोग कार्रवाई की समीक्षा करेंगे और स्वयं भी जन सुनवाई करेंगे.

वहीं संभागीय आयुक्त को राज्य सरकार की विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन के निरीक्षण और सुधार के लिए उपयुक्त निर्देश देने की जिम्मेदारी भी दी गई है. इसके साथ ही, संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में संभागीय मुख्यालय पर जिला कलक्टरों के साथ त्रैमासिक समीक्षा बैठकें भी आयोजित की जाएंगी.

ये पढ़ें:गुलाबचंद कटारिया का गहलोत पर बड़ा हमला, कहा- मुख्यमंत्री के मन में तो अभी भी षड्यंत्र ही है

गहलोत ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के सचिवों को भी प्रत्येक माह कम से कम एक जिले में भ्रमण कर संबंधित विभाग की गतिविधियों एवं विभागीय कार्यों का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी है. साथ ही क्रियान्वयन में सुधार के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने की जिम्मेदारी दी है. विभागीय सचिव जमीनी स्तर पर योजनाओं की स्थिति की प्रभावी मॉनिटरिंग करेंगे और समस्याओं का मौके पर ही समाधान करेंगे. जिला स्तर पर प्रशासनिक पर्यवेक्षण व्यवस्था में उक्त बदलाव के साथ ही सचिव एवं उच्च अधिकारियों को पूर्व की भांति एक-एक जिला आवंटित रहेगा. यह प्रभारी सचिवगण राज्य स्तरीय कार्यक्रम अथवा योजना के शुभारंभ और अन्य आवश्यकता होने पर अपने आवंटित जिले में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details