जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य का आने वाला बजट विकास को गति देने वाला एक संतुलित बजट हो. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था एवं राजस्व पर बुरा असर डाला है. इससे तेजी से उबरने की इच्छा शक्ति के साथ हम सभी के सुझावों के आधार पर ऐसा समावेशी बजट लाने का प्रयास करेंगे, जिससे राज्य में उद्योगों और निवेश को प्रोत्साहन मिले. रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो तथा समाज के हर वर्ग की उन्नति हो.
राज्य स्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक का आयोजन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को सीएम निवास से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों से राज्य बजट 2021-22 को लेकर सुझाव लिए. राजस्व पर विपरीत असर के बावजूद हर वर्ग को दी राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से चली लंबी जंग के कारण देश के सभी राज्यों की राजस्व आय प्रभावित हुई है. राजस्थान भी इसके विपरीत असर से जूझ रहा है.
साथ ही केन्द्र से जीएसटी में राज्य को पूरा हिस्सा भी नहीं मिल रहा है. हाल ही में केन्द्र सरकार ने बजट में पेट्रोल एवं डीजल पर सैस लगाया है और बेसिक एक्साइज डयूटी को लगातार कम किया जा रहा है. स्पेशल एक्साइज डयूटी और एडिशनल एक्साइज डयूटी बढ़ाई जा रही है. इसके कारण डिविजिएबल पूल के रूप में राज्यों को मिलने वाला हिस्सा काफी घट गया है. अधिकतर केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में भी राज्य का हिस्सा बढ़ाते हुए केन्द्र के अंश को कम किया गया है.
इन तमाम आर्थिक चुनौतियों के बावजूद हमारी सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर 2 प्रतिशत वैट कम कर आमजन को महंगाई की मार से राहत दी है. कोरोना काल के दौरान सर्वाधिक प्रभावित पर्यटन एवं होटल उद्योग तथा बस ऑपरेटर्स सहित अन्य वर्गाें को राहत देने में कोई कमी नहीं छोड़ी.
बेहतर वित्तीय प्रबंधन से करेंगे चुनौती का सामना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के कोरोना प्रबंधन की सराहना पूरे देश में हुई है. पिछले करीब एक साल से सभी राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरूओं, सोशल एक्टिविस्टों, व्यापारिक संगठनों सहित तमाम प्रदेशवासियों से हमें भरपूर सहयोग एवं समर्थन मिला है. मुश्किल आर्थिक हालातों का सामना भी बेहतर वित्तीय प्रबंधन से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरा देश कोरोना के कारण आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहा है, ऐसे में उद्योग जगत की बड़ी भूमिका है. वे ऐसे सुझाव दें, जिनसे अर्थव्यवस्था को गति मिल सके.
ऊर्जा मंत्री ने कहा- उद्यमियों ने साथ दिया
ऊर्जा मंत्री बी.डी. कल्ला ने कहा कि कोरोना की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश के उद्यमियों ने उत्पादन बढ़ाने में पूरा सहयोग किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उद्यमियों की बिजली से संबंधित समस्याओं का सकारात्मक रूप से समाधान करने का प्रयास कर रही है. सरकार ने रात्रिकालीन बिजली की दरों में एक रूपये प्रति यूनिट की कमी की है. उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए उद्यमियों के वाजिब सुझावों पर अमल करने का प्रयास किया जाएगा.
उद्योग मंत्री ने कहा- वन स्टॉप शॉप से मिलेगा प्रोत्साहन
उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए वन स्टाॅप शाॅप, रिप्स-2019, नई औद्योगिक नीति, एमएसएमई एक्ट जैसे कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले किए हैं. इनसे प्रदेश में निवेश का वातावरण बनने के साथ ही उद्यमों की स्थापना में आसानी हुई है. उन्होंने कहा कि उद्योगों के विकास के लिए राज्य सरकार उपखण्ड स्तर तक औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रयास कर रही है.
प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा ने बजट को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. इस अवसर पर सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, पीएचडी चैम्बर ऑफ काॅमर्स, चैम्बर ऑफ काॅमर्स, फोर्टी, सहित पर्यटन, खाद्य पदार्थ व्यापार, एग्रीकल्चर इण्डस्ट्री, ऑयल इण्डस्ट्री, हैण्डीक्राफ्ट, कपड़ा उद्योग, सीमेंट मैन्यूफैक्चरर्स, मार्बल एवं स्टील उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुडे़ औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं व्यापार तथा उद्योग से जुडे़ विशेष आमंत्रित सदस्यों ने आगामी राज्य बजट को लेकर सुझाव दिए.