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सबलेट के अधिकार के बिना बीवीजी ने दूसरे वेंडर्स को दिया काम...17 महीने से उन्हें भी नहीं किया भुगतान - Jaipur News

जयपुर में कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी कंपनी ने नगर निगम से ठेका तो लिया, लेकिन काम दूसरे वेंडर्स को बांट दिया है. अब बीवीजी ने जिन वेंडर्स को ये काम सौंपा उन्हें भी बीते 17 महीने से भुगतान नहीं किया. ऐसे में हवामहल ईस्ट जोन में दूसरे वेंडर से आधे हूपर के साथ काम कराया जा रहा है.

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सबलेट के अधिकार के बिना बीवीजी ने दूसरे वेंडर्स को दिया काम

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Published : Nov 21, 2020, 9:14 PM IST

जयपुर. शहर में घर-घर कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी कंपनी ने नगर निगम से ठेका तो लिया, लेकिन काम दूसरे वेंडर्स को बांट दिया. जबकि अनुबंध के अनुसार बीवीजी ठेके को सबलेट नहीं कर सकती. यही नहीं बीवीजी ने जिन वेंडर्स को ये काम सौंपा उन्हें भी बीते 17 महीने से भुगतान नहीं किया. वहीं अब हवामहल ईस्ट जोन में तो दूसरे वेंडर से आधे हूपर के साथ काम कराया जा रहा है.

सबलेट के अधिकार के बिना बीवीजी ने दूसरे वेंडर्स को दिया काम

साल 2017 में तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने राजधानी में बीवीजी कंपनी के जरिए डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने की योजना की शुरुआत की थी. तभी से इस व्यवस्था का विवादों के साथ चोली दामन का साथ रहा, जो अब तक जारी है. बीते कुछ महीनों से तो विवाद और गर्मा सा गया है. जिसका बड़ा कारण बीवीजी के साथ इस कार्य में जुटे वेंडर्स का बकाया भुगतान बताया जा रहा है.

दरअसल, राजधानी में करीब 527 डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां संचालित है. इनमें से बीवीजी की गाड़ियां महज 106 हैं जबकि 421 गाड़ियां वेंडर्स की है. जो निगम से सीधे ना जुड़कर बीवीजी के मार्फत शहर भर से कचरा संग्रहण कर रहे हैं. इनमें सांगानेर, हवामहल पूर्व और विद्याधर नगर तो ऐसे जोन हैं, जहां कचरा संग्रहण का कार्य पूरी तरह ही वेंडर्स के हवाले है. अब आरोप ये है कि बीवीजी कंपनी को नगर निगम से तो भुगतान हो रहा है. लेकिन बीते 17 महीने से वेंडर्स का करोड़ रुपए बीवीजी कंपनी ने नहीं चुकाया.

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बीवीजी कंपनी से जुड़े वेंडर अनमोल यादव ने बताया कि बीवीजी कंपनी खुद नगर निगम से 1800 प्रति टन के हिसाब से भुगतान लेती है. वहीं वेंडर्स को महज 1233 प्रति टन के हिसाब से भुगतान करती है. उन्होंने बताया कि शहर में प्रतिदिन तकरीबन 1550 टन कचरा इकट्ठा किया जाता है और उसे मुख्य कचरा डिपो तक पहुंचाने का कार्य भी उन्हीं के वाहनों से किया जाता है. बावजूद इसके बीवीजी का भुगतान नहीं कर रही.

वहीं अब हवामहल ईस्ट जोन में तो डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने के लिए आधे हूपर के साथ दूसरे वेंडर से काम कराया जा रहा है. एक तरफ बीवीजी ने निगम से किए गए ठेके को सबलेट नहीं करने के अनुबंध को तोड़ा. तो वहीं वेंडर्स को भी भुगतान नहीं कर रही. ऐसे में वेंडर्स और बीवीजी कि इस लड़ाई में शहर में सफाई की व्यवस्था बिगड़ती चली जा रही है.

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