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सरकार पर प्रहार : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का गहलोत सरकार पर हमला...कहा- पंचायत चुनाव में जनता प्रकट करेगी आक्रोश

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार (Gehlot government) पर हमला किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश का मुखिया डेढ़ साल से घर से बाहर नहीं निकला, अब 6 जिला परिषद और 78 पंचायत समितियों के चुनाव (rajasthan panchayat election) में जनता आक्रोश प्रकट करेगी.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया

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Published : Aug 14, 2021, 10:32 PM IST

जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पंचायत समितियों के चुनाव (rajasthan panchayat election) में प्रदेश की जनता सरकार की सोच और नीतियों के खिलाफ आक्रोश जाहिर करेगी.

पूनिया शनिवार को बसपा से दोबारा बीजेपी में लौटने वाले जगत सिंह को घर वापसी कराने के दौरान प्रदेश की गहलोत सरकार पर जमकर बरसे. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर चुप्पी साधे बैठे राहुल गांधी और सोनिया गांधी को भी आड़े हाथों लिया.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना

सतीश पूनिया ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि देश की संवैधानिक व्यवस्था के साथ खिलवाड़ हुआ. पंचायती राज चुनाव समय पर नहीं हुए. जिसका खामियाजा राजस्थान की जनता को भुगतना पड़ा. राजस्थान की जनता ने पिछली बार हुए 21 जिला परिषद और 222 पंचायत समितियों के चुनाव (rajasthan panchayat election) में आक्रोश प्रदर्शित किया.

आमतौर पर राजस्थान का इतिहास रहा है कि जिस भी दल की सरकार होती है, पंचायती राज चुनाव (rajasthan panchayat election) में उस दल को बहुमत मिलता है. लेकिन सत्ताधारी दल कांग्रेस पार्टी को मुंह की खानी पड़ी थी. 21 में से महज 5 पर कांग्रेस पार्टी काबिज हो पाई, जबकि 14 पर बीजेपी का कब्जा रहा और 105 पंचायत समितियों पर बीजेपी को विजयश्री मिली.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री (ashok gehlot) अभिमान के साथ जन घोषणा पत्र (public manifesto) के वादों के पूरे होने की बात कहते थे, राहुल गांधी 1 से 10 तक गिनती गिन कर राजस्थान के 60 लाख किसानों के कर्ज माफी की बात कहते रहे. लेकिन कथनी और करनी का फर्क है. किसानों पर बिजली के बिल की मार पड़ी. बेरोजगारों पर भत्ते से लेकर रोजगार की मार पड़ी. यही वजह है कि राजस्थान में इस वक्त सर्वाधिक 27% बेरोजगारी दर है.

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वहीं कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. बकरी चराने वाले से लेकर एक अबोध बालिका तक का जीवन सुरक्षित नहीं है. राजस्थान की महिलाएं राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी से न्याय मांगती हैं. तथाकथित हाथरस गैंग जो पूरे देश में पाखंड करती है, लेकिन क्या राजस्थान की माताओं-बहनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी और अशोक गहलोत सरकार की नहीं है.

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश का मुखिया (ashok gehlot) ये कहे कि मैं डेढ़ साल से घर से बाहर नहीं निकला. तो झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां के बाढ़ पीड़ित पूछते हैं कि हमारे आंसू पोछने सरकार कब आएगी. 15वें वित्त आयोग का पैसा रोका गया. इसी तरह हर क्षेत्र में सरकार की विफलताओं की एक लंबी फेहरिस्त है. यही कारण है कि पूर्व चुनाव में उन्हें शिकस्त खानी पड़ी और अब आगामी दिनों में होने वाले 6 जिला परिषद और 78 पंचायत समिति का निर्वाचन (rajasthan panchayat election) होगा और राजस्थान की जनता ने इन चुनावों में अपना आक्रोश प्रकट करना शुरू कर दिया है.

इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बयानों से कांग्रेस का चरित्र साफ नजर आता है. कांग्रेस पार्टी ने 70 वर्ष में 50 वर्ष तक देश में राज किया, लेकिन इस देश की जनता ने जनसंघ की 3 सीटों को 300 सीटों में बदला. साथ ही देश ने 2014 में भ्रष्टाचार, अराजकता, वंशवाद की राजनीति को धकेलते हुए सुशासन और विकास की राजनीति को एक नया आयाम दिया.

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बुनियादी विकास से लेकर वैचारिक मुद्दों का समाधान पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में हुआ. यही कारण है कि कांग्रेस का कुनबा बिखरता चला गया. वो देश के नक्शे पर सिमटते चले गए. जिन राज्यों में राज करते थे, उनमें डबल जीरो फिगर पर आते रहे. कांग्रेस देश में विचार और व्यवहार के नाते नकार दी गई और बीजेपी के वैचारिक रूप से जुड़ने वाले लोगों की तादाद धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.

पंचायती राज के चुनाव (rajasthan panchayat election) के अवसर पर देश की राजनीति के बड़े नाम कुंवर नटवर सिंह (Natwar Singh) के पुत्र जगत सिंह (Jagat Singh) ने भी पीएम मोदी के नेतृत्व को स्वीकार कर घर वापसी की है.

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