जयपुर. राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शिक्षकों से पैसे लेकर तबादले होने से जुड़ा सवाल पूछने पर सियासी उबाल आ गया है. भाजपा ने इस घटनाक्रम को लेकर गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार अब शिष्टाचार बन गया है. तो वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजन राठौड़ ने कहा 30 शिक्षकों ने आज सरकार के भ्रष्ट चेहरे को दिखाया है.
पूनिया ने जयपुर के बिरला सभागार में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान हुई इस घटनाक्रम को लेकर ट्वीट किया जिसमें लिखा कि राहुल गांधी की कांग्रेस के राज में भ्रष्टाचार शिष्टाचार हो गया है. राज्य लोक सेवा आयोग, कांग्रेस लोक सेवा आयोग हो गया है. प्रशासन रिश्तेदारों के संग अभियान चल रहा है. कांग्रेस राज की फितरत ही ऐसी है. पूनिया ने कहा कि गहलोत ने समारोह के दौरान इस प्रकार का प्रयोग क्यों किया? यह अलग बात है. लेकिन अब प्रमाणित हो चुका है कि राजस्थान की सरकार अखंड भ्रष्टाचार में डूबी है.
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गहलोत राज में बह रही भ्रष्टाचार की गंगोत्री-राजेन्द्र राठौड़
इस मामले में राठौड़ ने भी ट्वीट कर प्रदेश की गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला. राठौड़ ने लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्रांसफर के लिए पैसे देने की बात पूछी, तो कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों ने एक स्वर में 'हां' में जवाब दिया. राठौड़ ने कहा शिक्षक समाज का दर्पण होता है, जो कभी झूठ नहीं बोल सकते. आज शिक्षकों ने सरकार का भ्रष्ट चेहरा सभी को दिखाया है. राठौड़ ने कहा कि जन घोषणा पत्र में 'Zero Discretion, Zero Corruption & Zero Tolerance' के सिद्धांत पर काम करने का वादा करने वाली गहलोत सरकार के शासन में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है, जिसमें सभी गोते लगा रहे हैं. आज हमारे शिक्षकों ने मुखिया जी को इस हकीकत से भी रूबरू करवा दिया है.
राठौड़ ने कहा कि शिक्षा विभाग तो एक बानगी है. कांग्रेस राज में किसी भी सरकारी विभाग में ट्रांसफर हो या अन्य कार्य, बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 64 % नागरिकों ने भी स्वीकारा है कि सरकार में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करवाया जा सकता है. राठौड़ ने कहा कि शिक्षा विभाग तो एक बानगी है. कांग्रेस राज में किसी भी सरकारी विभाग में ट्रांसफर हो या अन्य कार्य, बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 64 फीसदी नागरिकों ने भी स्वीकारा है कि सरकार में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करवाया जा सकता है.