जयपुर. हाल ही केंद्रीय कैबिनेट ने लड़कियों की शादी की उम्र 21 वर्ष करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके बाद यह मामला सियासी विवादों में आ गया. राज्य के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने केंद्र सरकार के इस कदम की निंदा की. इस पर भाजपा नेताओं ने धारीवाल और ममता भूपेश को महिला विरोधी ही करार दे दिया.
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर कहा कि केंद्र सरकार के हर प्रगतिशील कदम का विरोध कर राज्य सरकार के मंत्री अपने आकाओं के सामने नंबर बढ़ाने के लिए अनर्गल बयान जारी कर बेटियों के दुश्मन बन बैठे हैं. इनका सिर्फ एक ही मकसद है, केंद्र सरकार के हर निर्णय का विरोध करना.
राठौड़ ने कहा कि जया जेटली के नेतृत्व में बनी केंद्रीय टास्क फोर्स तथा दिसंबर 2020 में नीति आयोग द्वारा की गई सिफारिश और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के व्यापक विचार-विमर्श के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने यह फैसला लिया है. राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार अपने इस निर्णय के क्रम में हिंदू मैरिज एक्ट 1955, स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 एवं बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में बदलाव करने जा रही है जिसका राज्य सरकार द्वारा स्वागत किए जाने की बजाय राजनीतिक आधार पर विरोध किया जाना और लड़कियों को हतोत्साहित किया जाना, दुर्भाग्यपूर्ण है.