जयपुर. पिछली वसुंधरा सरकार के आखिरी के 6 महीनों में लिए गए फैसलों पर अब प्रदेश की गहलोत सरकार ने कैंची चलाना शुरु कर दिया है. शनिवार को हुई समीक्षा बैठक में उद्योग, स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, सूचना जनसंपर्क विभागों की समीक्षा की गई. बैठक में कई विभागों द्वारा मामलों की रिपोर्ट पेश नहीं करने पर भी धारीवाल ने नाराजगी जताई. इसके साथ ही अगली समीक्षा बैठक में समय से रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए.
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि रैफल्स विश्वविद्यालय की मानता इसलिए रद्द की जा रही है कि नियमानुसार जो 20 एकड़ की जमीन एक मुस्त होनी चाहिए वो नहीं है. विश्वविद्यालय द्वारा जो जानकारी दी गई, उसके अनुसार उनके पास 14-14 एकड़ की दो हिस्सों में जमीन है, जो नियमों के विरुद्ध है. इसके अलावा जो स्कूल किराए के भवन में चल रहे हैं, उन्हें भी निर्देशित किया गया है, कि अगर वह इस सत्र के अंत तक अपना भवन तैयार नहीं करते हैं, तो उनकी भी मान्यता खुद ही रद्द मानी जाएगी. इसके अलावा सूचना जनसंपर्क विभाग से भी कहा गया है, कि वह यह रिपोर्ट दे कि उन्होंने किस-किस समाचार पत्र, टीवी चैनल को विज्ञापन जारी किए हैं.
कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में लिए गए फैसले
अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी को भाजपा सरकार ने पैकेज दिया था, जिसको अभी पेंडिंग रखा गया है. इसकी दोबारा समीक्षा होगी. झालावाड़ बल्लभ पित्ती ग्रुप को दिए गए पैकेज की भी दोबारा समीक्षा होगी. बोरानाडा, सालावास, हीरखेड़ा में औद्योगिक विस्तार के लिए 3154 बीघा जमीन अधिग्रहण करनी थी, जिसमें 33 काश्तकारों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. 921 बीघा जमीन का मुआवजा किसानों ने ले लिया है, जिस पर रिको का कब्जा हो गया है. इस मामले की भी समीक्षा होगी.