जयपुर.राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जीएनएम, एएनएम 2013 की नौकरी से वंचित अभ्यर्थी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठी हैं. एएनएम और जेएनएम अभ्यर्थी अपने नेता उपेंद्र यादव की रिहाई और अपनी नियुक्ति की मांग पर अड़ी हैं. अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी, वे धरने से नहीं उठेंगी. गहलोत सरकार बनने के बाद राजधानी में पहला इतना लंबा प्रदर्शन है. जिसमें पूरे प्रदेश से आई महिलाएं सड़क पर बैठी हैं.
जयपुर में धरने पर डटे एएनएम और जेएनएम पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की लंबित 2013 की नियमित एएनएम, जीएनएम और नर्सिंग भर्ती में पदों की कटौती करने को लेकर इन पदों से वंचित महिलाएं, कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं. यह प्रदर्शन सुबह करीब 8:30 बजे शुरू हुआ था, जो अब रात को भी जारी है. दरअसल, साल 2013 में एएनएम और जीएनएम नर्सिंग भर्ती में गहलोत सरकार ने 12 हजार 278 और 15 हजार 773 पदों में भर्ती निकाली थी. जिनमें पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने 6 हजार 719 और 4 हजार 514 पदों पर ही भर्ती की.
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ऐसे में नौकरी से वंचित महिलांए, सोमवार सुबह कांग्रेस मुख्यालय पहुंची और यहां पर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस मामले में दोपहर में एक बार पुलिस और प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच में आपस में भिड़ंत भी हुई. जिसमें कुछ महिलाओं को चोट भी लगी. लेकिन ये महिलाएं डटी हैं और जीएनएम पदों पर नियुक्ति की मांग कर रही हैं. जिन्हें करीब 12 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं. हालांकि, अब इन एएनएम महिलाओं की मांग है कि उनके नेता उपेन यादव को जेल से रिहा किया जाए. साथ ही मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात करवा कर उनकी नियुक्तियों का रास्ता साफ किया जाए.
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लेकिन जिस तरीके से सुबह बेरोजगार हकीकत महासंघ के उपेन यादव समेत 11 नेताओं को जेल भेज दिया गया है. जिसके बाद अब इन महिलाओं की पहली मांग है कि पहले उनके नेताओं की रिहाई हो. उसके बाद उनकी नौकरी का रास्ता साफ किया जाए. खास बात यह है कि यह महिलाएं राजस्थान के विभिन्न इलाकों से आई हैं और सर्दी के मौसम में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर ही अभी रुकी हुई हैं. ये महिलाएं साफ कह रही हैं कि वे यहां से तब तक नहीं उठेगी, जब तक कि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हो जाती है.