जयपुर. शुभ तिथि अष्टमी जया संज्ञक तिथि रात्रि 8 बजकर 40 मिनट तक तत्पश्चात नवमी तिथि आरंभ रहेगी. अष्टमी तिथि में यथा आवश्यक विवाह, मनोरंजन, लेखन, प्रवेश कार्य शुभ रहते है. अष्टमी तिथि में जन्मे पुत्र या पुत्री धनवान, गुणवान, पराक्रमी होते है. अष्टमी तिथि को मास मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
उत्तर फाल्गुनी "ध्रुव और उर्ध्वमुख" संज्ञक रात्रि 9 बजकर 37 मिनट तक तत्पश्चात हस्त नक्षत्र रहेगा. उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र मे विवाह गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते है. उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मा जातक विलासप्रिय, निपुण, धनवान, बुद्धिमान होता है.
चन्द्रमा - सम्पूर्ण दिन कन्या राशि में संचार करेगा.
व्रतोत्सव - दुर्गाष्टमी, धूमावती जयंती, व्यतिपात पुण्य.
राहुकाल - प्रातः 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक.