जयपुर.कार्तिक पूर्णिमा को सिख समाज के प्रमुख गुरु नानकदेव जी के 550वां प्रकाश पर्व मनाया गया. इस पर्व का मुख्य आयोजन शहर के राजा पार्क गुरुद्वारा में आयोजित हुआ. इसके साथ ही शहर के पानी पेच गुरुद्वारा, मानसरोवर गुरुद्वारा, वैशाली नगर गुरुद्वारा सहित अन्य गुरुद्वारों में हजारों सिख बंधुओं ने मत्था टेका. इस मौके पर गुरु के अटूट लंगर का आयोजन हुआ.
इस मौके पर गुरुद्वारों में दीवान सजे और शब्द कीर्तन की स्वर लहरिया बही. साथ ही गुरुवाणी के पाठ को भी सुनने के लिए श्रद्धालु पहुंचे. राजा पार्क गुरुद्वारे में मुख्य दीवान अमृत वेले से सजाया गया. इसमें पूरे दिन नित्य नेम के पाठ हुए. साथ ही सुखमणि साहब के पाठ और आशा-दी-वार के कीर्तन हुए. वहीं देशभर के विभिन्न हिस्सों से आए हुए कीर्तन जत्था गुरुनानक साहब की वाणी और शब्द कीर्तन और गुरु नानक साहब की कही बातों का अनुसरण करते हुए नजर आए.
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गुरुद्वारों में गुरुनानक देवजी ने कैसे सहज, सरल और संगठित समाज की नींव रखी और कैसे धर्म जाति के बंधन को तोड़ा उसका बखान किया गया. जिसमें बताया गया कि नानक जी अछूत को अछूत नहीं समझते थे. वे उनके हाथों का भोजन कर वंचितों के साथ खड़े नजर आए. बखान में बताया गया कि परिश्रम से कमा कर उसमें से भी कुछ बचा कर लोगों की मदद करने और भूखे को खिलाने वाला श्रेष्ठ होता है.